कोरोना के संकट ने परिवार और समाज को काफी चोट पहुंचाई है। एक तरफ सामाजिक रिश्ते खत्म हो रहे हैं तो दूसरी तरफ परिवार तबाह हो रहे हैं। एक दूसरे से दूर रहने की मजबूरियां, बीमार पड़े परिजनों से मिल ने पाने की मजबूरियों ने लोगों को दुखी कर दिया है। ऐसे संकट के माहौल में इंसान इतना बेबस हो गया है कि कोरोना से लड़ रहे अपनों के पास जाकर उनका हौंसला तक नहीं बढ़ा सकता। लेकिन फिर भी उम्मीद पर दुनिया कायम और इसी उम्मीद का नाम बनकर एक चिट्ठी सोशल मीडिया पर घूम रही है।
जी हां, संकट के इस माहौल मे अपने से दूर रह रहे लोगों को ये खूबसूरत चिट्ठी दिलासा दे रही है, ये चिट्ठी हौसला दे रही है कि घबराओ मत, हम सामने न सही लेकिन आपके आस पास हैं।
इस चिट्ठी को अजय भारतीय ने फेसबुक पर शेयर किया। मूल रूप से यह किसे लिखी गई, किसने लिखी, इस बात की जानकारी नहीं मिल पाई है। लेकिन साफ पता चल रहा है कि कोरोना पीड़ित किसी महिला के बच्चों ने यह कोविड वार्ड के नीचे से लिखी है।
कुल जमा चार पांच शब्दों की इस चिट्ठी में बच्चों का अपनी बीमार मां के लिए ढेर सारा प्यार, उसकी चिंता और उसको आश्वासन दिया गया है। बच्चों ने मां को आश्वस्त किया है कि वो नीचे हीं हैं, उसके बिलकुल पास। बच्चों ने मां को सेहत का अपडेट भी दिया है कि उसकी तबियत में सुधार है। बच्चों ने ये भी लिखा है कि हम आपको ले जाएंगे आपको परेशान नहीं होना है।
नीचे सभी बच्चों का नाम लिखा गया है ताकि मां को मालूम रहे कि हर बच्चा उनकी सेहत को लेकर सजग है।
सोशल मीडिया खासकर फेसबुक पर ये चिट्ठी काफी शेयर की जा रही है। ये चिट्ठी साबित करती है कि कोरोना आए चाहे तूफान, भारतीय परिवारों में एक दूसरे के लिए जो चिंता और प्यार है उसे मिटाया नहीं जा सकता।