जिंदगी और मौत की बागडोर भगवान के हाथ में होती है। लेकिन जब जमीन पर मनुष्य ही इस मौत के खेल को अपने हाथ में ले तो इंसानियत पर भरोसा करना मुश्किल हो जाता है। हाल ही में एक ऐसा दर्दनाक वाकया सामने आया है जिसे जानने के बाद आपकी आंखें भर आएंगी। ये वाकया तमिलनाडु के सलेम का है। जहां पर एक 74 साल के बुजुर्ग को घर वालों ने डेडबॉडी वाले फ्रीजर में रातभर बंद करके मरने के लिए छोड़ दिया। सोशल मीडिया पर इस दर्दनाक वाकये की तस्वीर वायरल हो रही है जिसे देखने के बाद बेशक आपका कलेजा मुंह को आ जाएगा।
74 साल के इस बुजुर्ग की पहचान बालासुब्रमणिया नाम से हुई है। इस बुजुर्ग की बहुत ज्यादा तबीयत खराब थी जिसके बाद परिवार वालों ने अस्पताल में इसे भर्ती कराया था। लेकिन तबीयत ठीक होने से पहले ही इस बुजुर्ग को परिवार वालों ने अस्पताल से छुट्टी करवाकर घर पर ले आए। इसके बाद इस गंभीर बीमार बुजुर्ग के साथ जो किया वो शायद कोई सपने में भी करने की नहीं सोच सकता।
परिवार के लोगों ने इस बुजुर्ग को अस्पताल से छुट्टी दिलाने के बाद उसे सोने के लिए उस फ्रीजर बॉक्स में बंद कर दिया जिसमें मरने के बाद पार्थिव शरीर को रखा जाता है। अगले दिन जब फ्रीजर बॉक्स कंपनी का कर्मचारी बॉक्स को वापस लेने आया तो बुजुर्ग को उसमें जिंदा देखकर वो चौंक गया। कर्मचारी ने बुजुर्ग को जिंदा देखकर हलचल की जिसके बाद उसने बुजुर्ग को बचा लिया। फ्रीजर बॉक्स में रात भर बंद रहने की वजह से बुजुर्ग को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी जिसके बाद आनन फानन में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।
जानकारी के मुताबिक इस फ्रीजर बॉक्स को गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति के भाई ने ही एजेंसी से मंगवाया था। भाई के इस फ्रीजर बॉक्स को मंगवाने और बुजुर्ग को बॉक्स में बंद करने के बाद से कई सवाल खड़े हो गए हैं।
देवलिंगम, जो शव ले जाने के लिए मुफ्त में गाड़ी उपलब्ध करवाता है वो इस वाकये के बाद तुरंत बुजुर्ग के घर पहुंचा। उन्होंने बताया कि उस आदमी को पूरी रात अंदर रखा गया। एजेंसी के कर्मचारी ने घबराकर मुझे इस बारे में बताया। हालांकि परिवार ने मुझसे कहा कि कोई आत्मा नहीं बची है और हम इंतजार कर रहे हैं।
फिलहाल पुलिस ने लापरवाही और जान को जोखिम में डालने का मामला दर्ज कर लिया है। आपको बता दें, 74 साल का बीमार ये बुजुर्ग एक निजी कंपनी में स्टोर कीपर का काम करते थे और नौकरी से सेवानिवृत्त हो चुकेे हैं। वह अपने भाई और भतीजी के साथ रहते हैं जो कि दिव्यांग हैं।