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यूपी चुनाव 2022: देवबंद में उठी जिन्ना, तालिबान के खिलाफ आवाज | Public Opinion | EP. 36

इस्लामी मरकज की शीर्ष संस्था दारुल उलूम के शहर देवबंद (Darul Uloom Deoband) पर हिंदू और मुस्लिम दोनों समानता से अपना अधिकार जताते हैं. जनसंख्या के लिहाज से देवबंद वैसे तो काफी छोटे शहरों में गिना जाता है. लेकिन यह हमेशा से ही चर्चा का केंद्र बना रहता है. दारुल उलूम की स्थापना 30 जनवरी 1866 (30th January 1866) को हाजी आबिद हुसैन और मौलाना कासिम नानौवती ((Muhammad Qasim Nanautavi) द्वारा की गई थी. Darul Uloom की स्थापना मुसलमानों ( खासतौर पर सुन्नी मुस्लिम ) में सुधार लाना था. लेकिन समय के साथ-साथ इसकी विचारधारा कुरान और शरीयत के सख्ती से पालन किए जाने के ईद-गिर्द घूमने लगी. उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों (UP Assembly Election 2022) की तारीखों (Poll Dates) का एलान कर दिया गया है. ऐसे में Deoband का बुद्धिजीवी वर्ग प्रदेश की योगी और केंद्र की मोदी सरकार को लेकर क्या सोचता है?. चुनाव में देवबंद के मुसलमान किस पार्टी के पक्ष में वोटिंग करेंगे. इन्हीं सवालों का जवाब जानने के लिए 'इंडिया टीवी (India TV)' का खास शो 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम देवबंद के बुद्धिजीवी मुसलमानों के बीच पहुंची. जहां उनसे यहां के प्रमुख मुद्दों को लेकर बातचीत की. स्थानीय लोगों ने आगामी चुनाव को लेकर बताया कि इस बार के चुनाव में उनके लिए क्या अहम मुद्दे होने वाले हैं.