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वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिये विश्व भारती विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में शामिल हुए पीएम मोदी

वेद से विवेकानंद तक भारत के चिंतन की धारा गुरुदेव के राष्ट्रवाद के चिंतन में भी मुखर थी। और ये धारा अंतर्मुखी नहीं थी। वो भारत को विश्व के अन्य देशों से अलग रखने वाली नहीं थी: PM