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बैंक की नौकरी छोड़ सन्यासी बने थे महंत नरेंद्र गिरि

महंत नरेंद्र गिरि के मामा का दावा है कि उनकी राइटिंग थोड़ी खराब थी, लेकिन इंटर पास करते ही उन्हें जौनपुर में बैंक में नौकरी मिल गई। लगभग सवा साल नौकरी करने के बाद महंत नरेंद्र गिरि ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया और संन्यासी हो गए