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कोरोना में संयम रखते हुए कैसे करें आध्यात्म चिंतन, जानिए शंकराचार्य निश्चचलानंद सरस्वरती से

शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि ध्यान देने की आवश्यकता ये है कि लगभग 100 वर्षों से जिस ढंग से विकास को परिभाषित किया गया है, उसी वजह से ये हो रहा है।