UP के बहराइच में भेड़िए का आतंक जारी, अब 11 साल की बच्ची को बनाया शिकार, हमला कर हुआ फरार
बहराइच में भेड़िए का आतंक जारी है। एक भेड़िए ने अब एक 11 साल की बच्ची पर हमला किया है। भेड़िए के हमले से बच्ची घायल हो गई।
उत्तर प्रदेश के बहराइच में भेड़िए का आतंक जारी है। बीती रात भेड़िए ने एक 11 साल की बच्ची पर हमला कर दिया। हमले के बाद वह फरार हो गया। भेड़िए के हमले से बच्ची घायल हो गई, जिसे इलाज के लिए स्थानीय सरकारी अस्पताल महसी में भर्ती कराया गया है। हमले के बाद से लोगों में दहशत और बढ़ गई है।
भेड़िया 'अल्फा' की तलाश जारी
बता दें कि बहराइच जिले के करीब 50 गांवों में आदमखोर भेड़ियों ने आतंक मचा रखा है। इस बीच, भेड़ियों के झुंड में शामिल पांचवे भेड़िए को मंगलवार तड़के वन विभाग की टीम ने पकड़ा। अब वन विभाग को 'अल्फा' नामक भेड़िए की तलाश है। भेड़िए को मंगलवार तड़के करीब 6:15 बजे महसी तहसील के सिसैया चूणामणि गांव के हरबख्शसिंह पुरवा से पकड़ा गया। यह मादा भेड़िया है। यह पिछले करीब डेढ़ महीने से महसी तहसील के 50 गांव में आतंक का पर्याय बने छह भेड़ियों के झुंड का पांचवां सदस्य था।
इससे पहले 8 साल के बच्चे पर हमला
इससे पहले बहराइच जिले की महसी तहसील के गोलवा गांव में एक 8 वर्षीय बच्चे पर भेड़िए ने हमला कर उसे घायल कर दिया था। गुरुवार की रात बच्चा घर के दरवाजे के पास खेल रहा था, तभी भेड़िए ने हमला कर उसे जख्मी कर दिया। घायल की मां ने बताया कि बच्चे की चीख सुन कर लोग वहां पहुंचे, जिसके बाद भेड़िया वहां से भाग गया। बच्चे के गाल और गर्दन पर हमला किया।
"हमलों की वजह 'रेबीज' वायरस हो सकता है"
‘इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस’ के प्रमुख एस पी यादव का कहना है कि उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के लगभग 50 गांवों में भेड़ियों के हमलों की बढ़ती घटनाओं की वजह ‘रेबीज’ या ‘कैनाइन डिस्टेंपर वायरस’ जैसी कोई बीमारी हो सकती है। यादव ने कहा कि पकड़े गए जानवरों के संबंध में पर्याप्त विश्लेषण के बाद ही सटीक कारण का पता लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा, "ये कोई नियमित घटनाएं नहीं हैं। जानवर का पागल हो जाना या ऐसी ही कोई चीज होगी, जिसकी वजह से यह समस्या हुई। आम तौर पर ऐसा नहीं होता। मेरा मानना है कि पिछले 10 साल में यह पहली ऐसी घटना है। वन विभाग समस्या पैदा करने वाले जानवरों की पहचान के लिए सर्वेक्षण कर रहा है।"
एस पी यादव पहले ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ और ‘प्रोजेक्ट चीता’ का नेतृत्व कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि ‘रेबीज’ और ‘कैनाइन डिस्टेंपर’ वायरस जानवरों के व्यवहार को कभी-कभी बदल देते हैं, जिससे उनमें मनुष्यों के प्रति भय खत्म हो जाता है। उन्होंने कहा कि यह कारण हो सकता है। कारण जानने के लिए जानवर को पकड़ना, नमूने का विश्लेषण करना और समस्या का उचित निदान करना महत्वपूर्ण है।
17 जुलाई से 'ऑपरेशन भेड़िया' जारी
गौरतलब है कि बहराइच जिले के महसी तहसील के 50 गांव में आतंक का पर्याय बने छह भेड़ियों के झुंड को पकड़ने के लिए 17 जुलाई से 'ऑपरेशन भेड़िया' जारी है। इन भेड़ियों के हमले में अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 21 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। भेड़ियों ने जुलाई के मध्य से अब तक 8 लोगों की जान ले ली है और करीब 21 से अधिक लोगों को घायल कर दिया है।
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