वाराणसी: जिले के चर्चित ज्ञानवापी मामले से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है। यहां हिंदू पक्ष को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हिंदू पक्ष की ओर से पूरे परिसर की ASI सर्वे की मांग की याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। वहीं अब वाराणसी जिला अदालत के इस फैसले के खिलाफ हिंदू पक्ष अब हाईकोर्ट में जाने की तैयारी कर रहा है। बता दें कि हिंदू पक्ष की मांग थी कि वजूखाने के अलावा पूरे परिसर का सर्वे होना चाहिए, लेकिन कोर्ट ने उनकी बात नहीं मानी। हिंदू पक्ष का कहना है कि सेंट्रल डोम के नीचे ही शिवलिंग है।
हिंदू पक्ष की दलील
हिंदू पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव के अनुसार, "वाराणसी में सारनाथ और राजघाट की खुदाई एएसआई ने ही की है तथा यहां तक कि मोहनजोदड़ो और हड़प्पा की खुदाई भी एएसआई ने ही की थी। इसी आधार पर ज्ञानवापी की भी 4x4 फुट खुदाई की जानी चाहिए और ज्ञानवापी के केंद्रीय गुंबद के नीचे ज्योतिर्लिंग के स्थान का सर्वेक्षण किया जाना चाहिए।''
मुस्लिम पक्ष की दलील
वहीं मुस्लिम पक्ष का कहना है कि जब ज्ञानवापी परिसर का एएसआई सर्वेक्षण एक बार पहले हो चुका है तो दूसरा सर्वेक्षण कराने का कोई औचित्य नहीं है। मुस्लिम पक्ष के वकीलों का यह भी कहना है कि सर्वेक्षण के लिए मस्जिद परिसर में गड्ढा खोदना किसी भी तरह से व्यावहारिक नहीं है और इससे मस्जिद को नुकसान हो सकता है।
क्यों की खुदाई की मांग
हिंदू पक्ष का कहना है कि ज्ञानवापी परिसर में स्थित मस्जिद के गुंबद के नीचे 'ज्योतिर्लिंग' का मूल स्थान मौजूद था। हिंदू पक्ष के अनुसार अर्घे से भौगोलिक जल निरंतर बहता था जो ज्ञानवापी कुंड में एकत्र होता था। इस तीर्थ को 'ज्ञानोदय तीर्थ' भी माना जाता है। हिंदू पक्ष का कहना है कि ज्ञानोदय तीर्थ से प्राप्त 'शिवलिंग' की भी जांच की जानी चाहिये ताकि यह पता लगाया जाए कि वह शिवलिंग है या फव्वारा।
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