उत्तर प्रदेश के इटावा में फंसी वंदे भारत ट्रेन को दूसरा खींचकर स्टेशन तक लाया। इस घटना का वीडियो भी सामने आया है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है, जिसे लेकर लोगों ने अलग-अलग प्रतिक्रिया दी है। वाराणसी से दिल्ली जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस में सोमवार (9 सितंबर) सुबह लगभग 9:05 बजे उत्तर प्रदेश के इटावा के पास तकनीकी समस्या आ गई थी। लगभग ढाई घंटे की देरी के बाद वंदे भारत एक्सप्रेस को खींचने के लिए एक अलग लोकोमोटिव साइट पर पहुंचा और ट्रेन को खींचकर ले गया।
ट्रेन के पेंटोग्राफ में उत्पन्न समस्या के कारण मुख्य जलाशय (एमआर) दबाव में गिरावट आई, जिससे ब्रेक स्वचालित रूप से लागू हो गए और ट्रेन खड़ी हो गई। यात्रियों को ट्रेन से उतरने के लिए कहा गया। वहीं, अधिकारी स्थिति को सुलझाने के लिए काम कर रहे थे।
दो ट्रेनों के जरिए कानपुर तक पहुंचे यात्री
खराब हो चुकी वंदे भारत ट्रेन के यात्रियों के लिए रेल अधिकारियों ने अलग व्यवस्था की। भरथना स्टेशन से लगभग 750 यात्रियों को एक शताब्दी एक्सप्रेस और दूसरी वंदे भारत एक्सप्रेस के जरिए कानपुर तक पहुंचाया गया। कानपुर में वंदे भारत ट्रेन का एक अतिरिक्त रेक तैयार था, जिसमें सवार होकर यात्री दिल्ली तक पहुंचे। हालांकि, ट्रेन में खराबी की वजह से यात्रियों को कई बाद अलग-अलग ट्रेन में चढ़ना उतरना पड़ा, जिससे उन्हें काफी परेशानी हुई।
लगातार चर्चा में रही है वंदे भारत ट्रेन
वंदे भारत ट्रेन मोदी सरकार की अहम योजनाओं में से एक है। इसके जरिए बड़े शहरों के बीच यात्रा करने वाले लोगों को कम समय में गंतव्य तक पहुंचने का मौका मिलता है। अन्य ट्रेनों की तुलना में वंदे भारत का किराया ज्यादा है, लेकिन यह ट्रेन कम ही मौकों पर लेट होती है। इसकी गति ज्यादा है और यात्रियों को विश्व स्तरीय सुविधाएं मिलती हैं। हालांकि, वंदे भारत में पथराव की खबरें लगातार आती रहती हैं। इसके अलावा अन्य तरीकों से भी इस ट्रेन को खराब करने की कोशिशें की गई हैं। हाल ही में राजस्थान के पाली में अज्ञात लोगों ने ट्रैक पर सीमेंट का ब्लॉक रख दिया था। हालांकि, इससे कोई नुकसान नहीं हुआ। ब्लॉक से टकराने के बाद लोको पायलट ने ट्रेन रोक दी थी।
(इटावा से अनामिका गौर की रिपोर्ट)