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उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षक भर्ती की मेरिट लिस्ट रद्द, इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला

उत्तर प्रदेश में साल 2018 में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती का विज्ञापन जारी किया गया था। इस भर्ती के तहत नियुक्ति भी हो चुकी थी लेकिन अब इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मेरिट लिस्ट को रद्द करने का आदेश दिया है।

UP PRIMARY TEACHER 2018 MERIT LIST CANCELLED- India TV Hindi Image Source : PTI यूपी प्राइमरी टीचर भर्ती की मेरिट लिस्ट रद्द।

उत्तर प्रदेश में 69 हजार प्राइमरी टीचरों की भर्ती के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट की डबल बेंच ने बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने भर्ती की  पूरी मेरिट लिस्ट को रद्द कर दिया है। हाई कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया है कि तीन महीने के अंदर नई मेरिट लिस्ट बनाई जाए, जिसमें बेसिक शिक्षा नियमावली और आरक्षण नियमावली का पालन हो। आइए जानते हैं इस पूरे मामले के बारे में। 

क्या है पूरा विवाद?

दरअसल, उत्तर प्रदेश में साल 2018 के दिसंबर महीने में कुल 69000 शिक्षकों की भर्ती का विज्ञापन निकला था। इस भर्ती के तहत साल 2019 में 4 लाख 10 अभ्यर्थी परीक्षा देने बैठे थे। 2020 में इस परीक्षा रिजल्ट आया और 1 लाख 47 हजार अभ्यर्थी पास हो गए। इनमें आरक्षित वर्ग के 1 लाख 10 हजार अभ्यर्थी थे। आरक्षित वर्ग के लिए 66.73 और अनारक्षित वर्ग के लिए 67.11 मेरिट तय की गई थी। 

भर्ती प्रकिया पर सवाल खड़े हुए थे

परीक्षा के बाद जारी हुए इस मेरिट लिस्ट के आधार पर उत्तर प्रदेश में  69000  शिक्षकों की भर्ती हुई थी। लेकिन भर्ती प्रकिया पर सवाल खड़े होने लगे थे। ये दावा सामने आया कि 19 हजार आरक्षित अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ नहीं मिला जिसके बाद कुछ अभ्यर्थी कोर्ट चले गए। अब इलाहाबाद हाई कोर्ट की डबल बेंच ने टीचर भर्ती की मेरिट लिस्ट के रिव्यू के आदेश दिए हैं। 

क्या थे आरोप?

नियमों के मुताबिक अगर रिजर्व्ड कैटेगरी के कैंडिडेट की मेरिट जनरल केटेगरी के कैंडिडेट के बराबर हो जाती है तो उसे रिजर्व्ड कैटेगरी से हटाकर जनरल में डाल दिया जाता है। इस तरह आरक्षण का लाभ दूसरे कम मेरिट वाले उम्मीदवार को मिल जाता है। आरोप लगे कि 69000 टीचर भर्ती में ऐसा नहीं किया गया । 

अब आगे क्या होगा?

अब इलाहाबाद हाई कोर्ट की डबल बेंच ने 69 हजार शिक्षक भर्ती में पूरी मेरिट लिस्ट को ही रद्द करने का आदेश दिया है। यूपी सरकार ने भर्ती नियमानुसार होने की बात कही थी लेकिन हाई कोर्ट के आदेश के बाद अब यूपी सरकार को तीन महीने के भीतर नई मेरिट लिस्ट जारी करने को कहा गया है। बेसिक शिक्षा विभाग ने कहा है कि न्यायालय के आदेश का विभाग अध्ययन करा रहा है। किसी भी युवा के भविष्य के साथ अन्याय नहीं होगा। 

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