यूपी: बहराइच में फिर भेड़िये का हमला, आखिरी सीधे गोली क्यों नहीं मार रहा वन विभाग?
बहराइच में बीती रात भेड़िये ने एक छोटे बच्चे पर छत पर सोते समय हमला किया और उसकी गर्दन को अपने मुंह में दबाकर उसे घसीटने लगा। घायल बच्चे को हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया है।
बहराइच: यूपी के बहराइच में भेड़िये का आतंक जारी है। बीती रात भी एक बच्चे पर रात के ढाई बजे भेड़िये ने हमला किया है और उसे गंभीर रूप से घायल किया है। बच्चे को इलाज के लिए हॉस्पिटल ले जाया गया है। हैरानी की बात ये है कि बच्चा छत पर सो रहा था, भेड़िये ने वहां भी हमला कर दिया। ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि आखिरी इतने हमलों के बावजूद वन विभाग सीधे भेड़िये को गोली क्यों नहीं मार रहा है?
सामने आई गोली ना मारने की वजह
दरअसल आदेश के बावजूद भेड़िये को सीधे गोली नहीं मारने के पीछे की वजह टेक्निकल है। अगर वन विभाग के शिकारी भेड़िए को गोली मार देंगे और उसके बाद भी भेड़िये के हमले जारी रहे तो वे वाइल्ड लाइफ के आगे ये साबित नही कर पाएंगे कि जिसको मारा गया है, वो ही आदमखोर था। इसलिए इस छठवें भेड़िए को पहले पकड़ना प्राथमिकता है और गोली मारना आखिरी विकल्प है।
बीती रात क्या हुआ था?
रात में भेड़िया आया और उसने बकरी का शिकार करने के लिए बकरियों की कोठरी में लकड़ी के फट्टे तोड़ने की कोशिश की। इसके बाद वो एक ऐसे घर की ओर बढ़ा, जिसमें खुली सीढ़ियां थीं। एक सीढ़ी पर खाट से रास्ता बंद था तो भेड़िए ने दूसरी सीढ़ी का इस्तेमाल किया और वो छत पर पहुंच गया। इसके बाद एक छत से होता हुआ दूसरी छत पर गया।
एक छत पर बड़े लोग सो रहे थे और दूसरी छत पर 10 साल का इमरान सो रहा था। इमरान की मां की मौत हो चुकी है। वहीं दूसरी खाट पर इमरान की भाभी अपनी 11 महीने की बच्ची के साथ सो रही थीं। रात करीब 2.30 बजे भेड़िया आया और उसने इमरान के गले को दबोच दिया।
इस दौरान इमरान की आवाज नहीं निकली। इसके बाद भेड़िया इमरान को घसीटने लगा। इसी दौरान इमरान की भाभी जाग गईं और उन्होंने भेड़िये को भगाने की कोशिश की। छत पर खून के निशान भी मिले हैं। मिली जानकारी के मुताबिक, भेड़िया खेत के किनारे वाले जंगल को इसीलिए निशाना बनाता है क्योंकि शिकार करके वापस जंगल में भाग सके। जितने भी हमले हुए हैं, वो इसी तरह हुए हैं।
भेड़िए अब जानवर नहीं बल्कि इंसानों को ही टारगेट कर रहे हैं। वह आदमखोर और ज्यादा खतरनाक हो गए हैं। ऐसे में अब ड्रोन के जरिए सर्च ऑपरेशन चलता रहेगा या इसको गोली मारी जाएगी, ये देखना होगा। एक समस्या ये भी है कि जितने हमले हो रहे हैं, उन घायलों को रेबीज की बीमारी का भी खतरा है। हालांकि सीएम योगी ने कहा था कि घायलों को रेबीज के इंजेक्शन भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं लेकिन हमलों में इतने गहरे घाव हो रहे हैं, जिनसे घायल होने वाले लोग डरे हुए हैं।