लखनऊ: कानपुर में मां-बेटी के झोपड़ी में जलकर मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस मामले में मृतक महिला के बेटे शिवम दीक्षित का बयान सामने आया है। शिवम ने कहा, 'एसडीएम, लेखपाल, पुलिस और कुछ बदमाशों ने मेरे घर में आग लगा दी, जिससे मेरी मां और बहन की मृत्यु हो गई। मैंने उन्हें बचाने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हुआ। मेरी अपील है कि सीएम हमारे पास आएं और न्याय दें।' इस मामले में आयुक्त कानपुर डॉ राज शेखर ने कहा, 'घटना में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। हम आरोपी को पकड़ने का प्रयास कर रहे हैं। लेखपाल व एसडीएम निलंबित किए गए हैं।'
डिप्टी सीएम का भी बयान आया सामने
इस घटना पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का बयान भी सामने आया है। उन्होंने कहा, 'दोषी पाए जाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। एक जांच समिति गठित की गई है जो आज अपनी रिपोर्ट देगी।' वहीं समाजवादी पार्टी का 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल आज कानपुर देहात के मड़ौली गांव में मृत मां-बेटी के परिजनों से मिलने के लिए जाएगा।
क्या है पूरा मामला
कानपुर में पुलिस और प्रशासनिक अफसरों की टीम मड़ौली पंचायत के चालहा गांव में ग्राम समाज की जमीन से कब्जा हटाने पहुंची थी। इसी दौरान कब्जेदार की झोपड़ी में संदिग्ध हालत में आग लग गई। इस घटना में मां-बेटी समेत कई बकरियों की जलकर मौत हो गई।
घटना से आक्रोशित लोगों ने लेखपाल अशोक सिंह पर कुल्हाड़ी से हमला कर दिया। भीड़ के गुस्से को देखते हुए प्रशासन की टीम वहां से भाग खड़ी हुई। इसके बाद कार्रवाई की मांग पर अड़े लोगों ने मां-बेटी के शव को उठने नहीं दिया। घटना की सूचना पर डीएम और एसपी मौके पर पहुंचे। जिसके बाद डीएम ने गांववालों को समझाने की कोशिश की। लेकिन गांववालों में अभी भी आक्रोश है।
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