UP पुलिस भर्ती परीक्षा: पेपर आउट की ठगी करने वाला वाराणसी से गिरफ्तार, वॉट्सएप ग्रुप में जोड़ने के नाम पर लिए पैसे
उत्तर प्रदेश पुलिस परीक्षा दो पाली में आयोजित की रही है। इस परीक्षा में लाखों अभ्यर्थी बैठ रहे हैं। वहीं, अब यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा में भी पेपर लीक करने का आरोप में एक शख्स को गिरफ्तार किया गया है।
यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा को सकुशल संपन्न कराने के के संकल्प के साथ योगी सरकार ने सभी पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए हुए हैं। ऐसे में जब आज एसटीएफ फील्ड इकाई वाराणसी ने एक शख्स को गिरफ्ता किया है। ये शख्ख वॉट्सएप ग्रुप में जोड़े जाने के नाम पर महिला अभ्यर्थियों से 500 और पुरूष अभ्यर्थियों से 1000 रूपये क्यूआर कोर्ड के माध्यम से लेता था।
पैसे लेकर उन्हें आश्वसन देता था कि परीक्षा में यही प्रश्नपत्र आएंगे। एसटीएफ वाराणसी ने इसी मामले में कार्रवाई करते हुए बिहार के खगड़िया जिले के रहने वाले हंस रंजन कुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो एक ठगी का पर्दाफाश हो गया है।
इंस्पेक्टर हंस राज ग्रुप के नाम पर चल रहा था ग्रुप
एसटीएफ फील्ड इकाई वाराणसी के इंस्पेक्टर पुनीत परिहार को इस बात की सूचना मिली कि आरोपी हंस रंजन कुमार नाम का शख्स वॉट्सएप पर ‘इन्सपेक्टर हंस राज ग्रुप’ नाम से ग्रुप एडमिन के रूप में एक्टिव है। इस पूरे मामले में गहन छानबीन की गई तो पाया गया कि हंस रंजन कुमार उत्तर प्रदेश पुलिस आरक्षी भर्ती परीक्षा के नाम पर ठगी कर रहा है। इसका वाराणसी में भी अभ्यर्थियों से मिलना-जुलना जारी है।
एसटीएफ ने जाल बिछाकर आरोपी हंस रंजन कुमार को गिरफ्तार कर लिया। इसके पास से 01 मोबाइल फोन, 02 डेबिट कार्ड, 01 अदद डीएल, 01 पासपोर्ट 01 पैनकार्ड बरामद किया है।
80 ग्रुपों में जुड़े हैं 35 हजार अभ्यर्थी
पुलिस भर्ती परीक्षा में प्रश्नपत्र देने के नाम पर ठगी करने की सूचना पर जब आरोपी के पूछताछ शुरू हुई तो उसने बताया कि यह मोबाइल नंबर मेरे भाई मनीष कुमार के नाम पर रजिटर्ड है। यूपीआई आईडी जनरेट कर उसने अपने बैंक खाते से जोड़ रखा है। इसी क्यू आर कोर्ड के माध्यम से यूपी पुलिस आरक्षी भर्ती परीक्षा से संबंधित प्रश्नपत्र उपलब्ध कराये जाने कर नाम पर पैसा लिया जा रहा है।
ग्रुप में जोड़े गए 35 हजार लोग
करीब 07-08 महीने पूर्व अपने मोबाइल नंबर से अलग-अलग प्रतियोगी परीक्षाओं के लिये लगभग 80 व्हाट्सएप व टेलीग्राम ग्रुप/चैनल बनाया गया था। इसमें लगभग 35 हजार लोगों को जोड़ा गया है।साथ ही यह भी पता किया जाता था कि कौन सी प्रतियोगी परीक्षा कब और कहां होनी है?
UPI और QR कोड से लेता था पैसे
इसके अनुसार प्रतियोगी परीक्षाओं के सम्बन्ध में एक संक्षिप्त विवरण बनाया जाता था कि प्रश्नपत्र जिसको चाहिए, वह अभ्यर्थी उसके यूपीआई अथवा क्यूआर0 कोड पर निर्धारित पैसा (पुरूष 1000/-रू0 व महिला 500/-रूपये) भेजकर उसके व्हाट्सएप/टेलीग्राम ग्रुप/चैनल का सदस्य बन सकता है।
परीक्षा से पहले देता था प्रश्नपत्र
जो अभ्यर्थी उसके ग्रुप/चैनल का सदस्य रहेगा, उसे ही परीक्षा से एक दिन पहले प्रश्नपत्र उपलब्ध कराया जाएगा। जो इसके झांसे में आकर पैसा भेज देता और उसे प्रश्नपत्र नही मिलत तो पैसा वापस मांगने पर टालमटोल कर ठगी कर लेता था।
अब तक 20 लाख की कर चुका ठगी
एसटीएफ सूत्रों की माने तो आरोपी हंस रंजन कुमार को जानकारी हुई कि अगस्त माह में यूपी आरक्षी भर्ती होने वाली है तो यह ठगी करने के मकसद से सक्रिय हो गया। परीक्षा से एक दिन पहले पेपर आउट कराने के नाम पर खुद बनाये हुए सभी वॉट्सएप ग्रुप, टेलीग्राम ग्रुप और चैनलों में भेजे गए यूपीआई, क्यू आर कोड से अब तक 20 लाख रुपये पेपर आउट के नाम पर ले चुका है। इसी कारण वह आज वाराणसी आया हुआ था।
रिपोर्ट- अश्वनी त्रिपाठी