उत्तर प्रदेश सरकार ने जहां एक तरफ तहसीलदारों को प्रमोट कर एसडीएम बना दिया है। वहीं दूसरी तरफ पीएसी कर्मियों को लेकर बड़ा निर्देश जारी किया है। 50 साल की आयु पार कर चुके पीएसी कर्मचारियों की अनिवार्य सेवानिवृति के लिए स्क्रीनिंग के आदेश जारी किए गए हैं। आईजीपीएससी ने यह निर्देश प्रदेश भर के अधिकारियों को जारी किया है। दरअसल यह स्क्रीनिंग इसलिए की जाएगी ताकि सरकारी सेवाओं में कर्मचारियों की दक्षता को सुनिश्चित किया जा सके। इस बाबत पीएसी मुख्यालाय द्वारा एक नोटिफिकेशन भी जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है, 'ऐसे कार्मिक जो 31 मार्च 2023 को 50 वर्ष या इससे अधिक की आयु को पूरी करते हों, उनकी अनिवार्य रूप से सेवानिवृति हेतु स्क्रीनिंग की कार्यवाही की जाए।'
पीएस अधिकारियों को जबरन किया जाएगा रिटायर?
इस नोटिफिकेशन में लिखा गया है कि इस स्क्रीनिंग को नियमानुसार करा कर अनिवार्य रूप से रिटायर किए गए कर्मचारियों की सूचना को जोन स्तर पर संकलित और संलग्न किया जाए। इसके बाद इसे मुख्यालय को किसी भी हाल में 20 नवंबर 2023 तक भेजा जाए। ताकि इस जानकारी के अपर पुलिस महानिदेशक 'स्थापना' तक भेजा जा सके। इस नोटिफिकेशन में लिखा गया कि शासनादेश के मुताबिक दिनांक 26 अक्टूबर 1985 के समय सारिणी के मुताबिक ऐसे कर्मचारी जो 31 मार्च 2023 को 50 वर्ष या इससे अधिक की आयु को पूरा करते हैं। उनकी सेवनिवृति हेतु अनिवार्य रूप से स्क्रीनिंग कराई जाए। बता दें कि इस नोटिफिकेशन को अपर पुलिस महानिदेशक (स्थापना) संजय सिंघल द्वारा जारी किया गया है।
तहसीलदारों को बनाया गया एसडीएम
बता दें कि इससे पहले योगी सरकार ने राज्य के 63 तहसीलदारों का प्रमोशन किया था। इन 63 तहसीलदारों को पदोन्नती देकर एसडीएम बना दिया गया है। गुरुवार को राज्य सरकार द्वारा इस बाबत एक नोटिफिकेशन भी जारी किया गया था। बता दें कि इन तहसीलदारों को उसी जिले का एसडीएम बनाया गया है, जहां वो पहले से ही तैनात हैं। एसडीएम का पद ग्रहण करने के बाद सभी अधिकारी अगले दो साल तक प्रोबेशन पीरियड में रहेंगे। बता दें कि इससे पूर्व पीसीएस की आईएएस संवर्ग में प्रमोशन को लेकर लोक भवन में चयन समिति की बैठक का आयोजन किया गया था।