नई अयोध्या में पर्यटकों के लिए सौगात, राम मंदिर देखने जा रहे हैं तो उठा सकेंगे ये लाभ
दिसंबर 2022 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि अयोध्या पर्यटन 2024 तक दस गुना बढ़ जाएगा, जो कि राम मंदिर निर्माण पूरा होने के लिए निर्धारित तिथि के साथ मैच खाता है।
उत्तर प्रदेश: राम की नगरी नई अयोध्या और निर्माणाधीन राम मंदिर को देखने के इच्छुक पर्यटक अब हेलीकॉप्टर की सवारी का लाभ उठा सकेंगे। दरअसल, उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम लिमिटेड ने पायलट आधार पर अयोध्या में हेलीकॉप्टर सेवा संचालित करने वाली कंपनियों/एजेंसियों से प्रस्ताव मांगे हैं।
प्रधान सचिव (पर्यटन) मुकेश मेश्राम ने कहा, "हमारे पास लखनऊ के साथ-साथ अयोध्या में भी राज्य के स्वामित्व वाला हेलीपैड है। हम विभिन्न पहलुओं पर विचार कर रहे हैं। हवाई टैक्सी की सुविधा प्रदान करने से लेकर उन लोगों के लिए जो लखनऊ से अयोध्या के लिए एक हेलिकॉप्टर लेना चाहते हैं या जो लोग अयोध्या की एक त्वरित आनंदमय यात्रा करना चाहते हैं।"
एजेंसी की व्यवस्था पीपीपी मोड पर होगी
पर्यटन विभाग के विशेष सचिव शैलेश मिश्रा ने कहा कि जॉयराइड के लिए एजेंसी की व्यवस्था पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड पर होगी और तीन महीने की शुरुआती अवधि के लिए होगी। सरकार के प्रस्ताव में दिलचस्पी रखने वाली एजेंसियों को 21 फरवरी को लखनऊ में प्री-बिड मीट में शामिल होना है।
दिसंबर 2022 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि अयोध्या पर्यटन 2024 तक दस गुना बढ़ जाएगा, जो कि राम मंदिर निर्माण पूरा होने के लिए निर्धारित तिथि के साथ मैच खाता है। पूर्वांचल विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष नरेंद्र सिंह ने कहा कि एक बार राम मंदिर भक्तों के लिए तैयार हो जाए, तो हम अयोध्या-प्रयागराज राजमार्ग पर भारी भीड़ की उम्मीद करते हैं।
इस सुविधा से पर्यटकों को मिलेगी मदद
उन्होंने कहा कि अयोध्या आने-जाने के लिए हेलिकॉप्टर की सुविधा से उन पर्यटकों को भी मदद मिलेगी, जो यात्रा का समय बचाना चाहते हैं। केंद्र और यूपी में डबल इंजन सरकारें अयोध्या के विकास पर 30,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर रही हैं। राज्य सरकार अपने बेड़े का रखरखाव करती है, जिसमें तीन विमान और तीन हेलिकॉप्टर शामिल हैं।
2024 की शुरुआत में राम मंदिर बनने से पहले मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम हवाई अड्डे के निर्माण का पहला चरण पूरा होने की उम्मीद है। हवाई अड्डे का पहला चरण घरेलू परिचालन के लिए होगा। दूसरा वैश्विक यात्रियों के लिए होगा।
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