A
Hindi News उत्तर प्रदेश यूपी: पुलिस हिरासत में वकील की मौत होने से मचा हड़कंप, चौकी प्रभारी समेत 6 के खिलाफ FIR दर्ज

यूपी: पुलिस हिरासत में वकील की मौत होने से मचा हड़कंप, चौकी प्रभारी समेत 6 के खिलाफ FIR दर्ज

जनवरी 2018 में जमीन घोटाले से जुड़े एक मामले में सदर के तत्कालीन तहसीलदार सुरेंद्र नारायण त्रिपाठी द्वारा दर्ज कराए गए आपराधिक साजिश एवं धोखाधड़ी से जुड़े मुकदमे में अधिवक्ता राजकुमार लाल श्रीवास्तव (60) वांछित थे।

UP Police - India TV Hindi Image Source : FILE यूपी पुलिस

गोंडा: यूपी के गोंडा में जमीन घोटाले से जुड़े एक आरोपी वकील की 6 दिन पहले पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी, जिसके बाद से इलाके में हड़कंप मच गया है और चौकी प्रभारी समेत 6 अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। एक अधिकारी के मुताबिक, मामले में पुलिस अधीक्षक (एसपी) ने ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में घटना के दिन ही आरोपी उप निरीक्षक और दो सिपाहियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था। घटना से नाराज वकील पिछले चार दिनों से दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने की मांग को लेकर न्यायिक कार्य छोड़कर आंदोलन चला रहे हैं।

क्या है पूरा मामला

कोतवाली नगर थाने में जनवरी 2018 में जमीन घोटाले से जुड़े एक मामले में सदर के तत्कालीन तहसीलदार सुरेंद्र नारायण त्रिपाठी द्वारा दर्ज कराए गए आपराधिक साजिश एवं धोखाधड़ी से जुड़े मुकदमे में अधिवक्ता राजकुमार लाल श्रीवास्तव (60) वांछित थे। नगर कोतवाली पुलिस ने राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी), रामपुर की मदद से श्रीवास्तव को बीते दिनों गिरफ्तार किया था और पूछताछ के लिए गोंडा लेकर आई थी। 

पुलिस हिरासत के दौरान ही फ्रेश होने के लिए वॉशरूम गए श्रीवास्तव ने कथित तौर पर वहां रखे ‘टॉयलेट क्लीनर’ का सेवन कर लिया था, जिसके बाद इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी। अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) शिवराज ने शनिवार देर शाम बताया कि मृत वकील के भाई पवन कुमार श्रीवास्तव की तहरीर पर कोतवाली नगर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।

उन्होंने कहा कि प्राथमिकी में सिविल लाइंस चौकी प्रभारी और पांच अज्ञात पुलिस कर्मियों को आरोपी बनाते हुए उन पर गैर-इरादतन हत्या और धमकी देने का आरोप लगाया गया है। पवन श्रीवास्तव ने अपनी तहरीर में यह भी आरोप लगाया है कि उनके भाई की हालत गंभीर होने के बाद भी पुलिस उन्हें जबरन डॉ.राम मनोहर लोहिया संस्थान, लखनऊ से डिस्चार्ज कराकर गोंडा ले आई। 

उन्होंने दावा किया है कि न्यायिक अभिरक्षा में मजिस्ट्रेट द्वारा जेल भेजे जाने के आदेश के बावजूद जेल प्रशासन श्रीवास्तव की नाजुक स्थिति को देखते हुए उन्हें अस्पताल नहीं ले गया, बल्कि उन्हें स्थानीय जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया, जहां पुलिस अभिरक्षा में ही उनकी मौत हो गई।

FIR में यह भी आरोप लगाया गया है कि पुलिस मामले में लगातार सुलह का दबाव बना रही है और उसके रवैये से पीड़ित परिवार दहशत में है। एएसपी ने बताया कि प्राप्त तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर विधिक कार्रवाई की जा रही है।

ये भी पढ़ें: 

पुण्यतिथि विशेष: अगर सोनिया से नहीं होती राजीव गांधी की शादी तो ये लड़की बनती उनकी पत्नी! जानें ये दिलचस्प किस्सा

गजब! जंग में दोनों पैर गंवाने के बावजूद इस पूर्व सैनिक ने रचा इतिहास, फतह किया माउंट एवरेस्ट