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Hindi News उत्तर प्रदेश यूपी: लखनऊ में शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों और पुलिस के बीच झड़प, डिप्टी सीएम केशव मौर्य के घर के बाहर जुटे प्रदर्शनकारी

यूपी: लखनऊ में शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों और पुलिस के बीच झड़प, डिप्टी सीएम केशव मौर्य के घर के बाहर जुटे प्रदर्शनकारी

लखनऊ में शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों ने डिप्टी सीएम के आवास के बाहर प्रदर्शन किया है। इस दौरान अभ्यर्थियों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई। हालांकि अभ्यर्थियों का गुस्सा कम होने का नाम नहीं ले रहा है।

teacher recruitment candidates- India TV Hindi Image Source : INDIA TV शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों ने डिप्टी सीएम के आवास के बाहर किया प्रदर्शन

लखनऊ: यूपी के लखनऊ में शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों ने जबरदस्त हंगामा किया है और इस दौरान उनकी पुलिस के साथ झड़प भी हुई है। प्रदर्शनकारी, डिप्टी सीएम केशव मौर्य के घर के बाहर जुटे हैं। 

क्या है पूरा मामला?

मामला 69, 000 शिक्षक भर्ती से जुड़ा हुआ है। हजारों की संख्या में शिक्षक अभ्यर्थी उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या के आवास पर पहुंचे हैं और धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। शिक्षक अभ्यर्थी लगातार नारेबाजी कर रहे हैं। उनके द्वारा 'योगी जी न्याय करो, केशव चाचा न्याय करो' के नारे लगाए जा रहे हैं। 

मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस फ़ोर्स लगाई गई है। बता दें कि 69, 000 शिक्षक भर्ती प्रकरण में नियुक्ति की मांग को लेकर और हाईकोर्ट लखनऊ डबल बेंच के आदेश का पालन किए जाने को लेकर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या के आवास के बाहर ये प्रदर्शन किया जा रहा है। 

पहले से तय था ये प्रदर्शन

बता दें कि यूपी में 69,000 शिक्षक भर्ती मामला तूल पकड़ रहा है। हालही में 9000 शिक्षक भर्ती के आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने महानिदेशक स्कूली शिक्षा कंचन वर्मा और ज्वाइंट डायरेक्टर गणेश कुमार से मुलाकात की थी। अधिकारियों से मिलकर 69000 शिक्षक भर्ती के आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी निराश हुए थे। इसके बाद उन्होंने सीएम आवास घेराव करने का ऐलान कर दिया था।

पिटीशन दायर करने वाले विजय यादव के नेतृत्व में वीरेंद्र वीर, अमरेंद्र पटेल,यशवंत कुमार, कृष्ण चन्द्र व अवनीश कुमार ने बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों से मुलाकात की और हाइकोर्ट के फैसले को लागू करने की मांग दोहराई व सुप्रीम कोर्ट में लंबित केस के बारे में भी चर्चा की थी।

इस बारे में बात करते हुए विजय यादव ने बताया था कि दोनों अधिकारियों के पास बताने के लिए कुछ भी नहीं था और न ही उनके पास कोई ठोस योजना है, जिससे वंचितों को नौकरी और जिनकी नौकरी लग चुकी है उनकी नौकरी की सुरक्षा की जा सके। इसके बाद मुलाकात से असंतुष्ट अभ्यर्थियों ने 2 सितंबर को मुख्यमंत्री आवास घेरने की बात कही थी।