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Hindi News उत्तर प्रदेश UP By Election 2024 Voting: यूपी की 9 विधानसभा सीटों पर जनता किसे चुनेगी? मतदान आज

UP By Election 2024 Voting: यूपी की 9 विधानसभा सीटों पर जनता किसे चुनेगी? मतदान आज

यूपी विधानसभा की नौ सीटों के लिए बुधवार को मतदान सुबह से शुरू हो जाएंगी। इन सीटों पर भाजपा और सपा में सीधा मुकाबला है। इन सीटों पर सीएम योगी और अखिलेश यादव की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है।

UP By election 2024- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO यूपी की नौ सीटों पर उपचुनाव

उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर बुधवार की सुबह उपचुनाव होना है। इन सीटों पर सीधा मुकाबला योगी और अखिलेश के बीच है। यह चुनाव आने वाले विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है। भाजपा और सपा दोनों ने उपचुनाव में पूरा जोर लगा दिया है, क्योंकि इन सीटों पर उपचुनाव दोनों पार्टियों के लिए साख की लड़ाई बन गई है। यूपी में ये उपचुनाव 2027 का सेमीफाइनल है, जो यूपी की सत्ता के सिंहासन का रास्ता तय करेगा। ये चुनाव यूपी के लिए लिटमस टेस्ट साबित होगा कि अगला सीएम कौन होगा, योगी आदित्यनाथ या अखिलेश यादव।

सीधा मुकाबला सीएम योगी और अखिलेश के बीच

योगी आदित्यनाथ के बंटेंगे तो कटेंगे नारे की जो आज महाराष्ट्र चुनाव में गूंज रही है, जिसकी शुरुआत यूपी से हुई और जिसका प्रयोग हरियाणा, झारखंड और फिर महाराष्ट्र में भी किया जा रहा है। वहीं ये जंग अखिलेश यादव के पीडीए फॉर्मूले की भी है, जिसके दम पर अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव में बीजेपी से ज्यादा सीटे यूपी में जीती। इस उपचुनाव की नौ सीटों पर 90 प्रत्याशियों के बीच मुकाबला है और सभी नौ सीटों पर बीजेपी-एसपी और बीएसपी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है, लेकिन सीधी टक्कर बीजेपी और एसपी के बीच ही है।

किस पार्टी ने किसे दिया है टिकट

अगर इन नौ सीटों पर 2022 के चुनाव की बात करें तो 4 सीटें समाजवादी पार्टी के पास हैं, एनडीए के पास 5 सीटें हैं, जिसमें बीजेपी के पास तीन और सहयोगी दलों के पास दो सीटें हैं। टिकटों के बंटवारे में जहां अखिलेश ने मुस्लिम कार्ड खेला है तो वहीं बीजेपी ने ओबीसी पर दांव लगाया है। बीजेपी ने सबसे ज्यादा 5 उम्मीदवार ओबीसी उतारे हैं, जबकि एक दलित और 3 अगड़ी जाति के हैं। मुस्लिम को बीजेपी ने कोई टिकट नहीं दिया है। वहीं समाजवादी पार्टी ने सबसे ज्यादा 4 उम्मीदवार मुस्लिम उतारे हैं। इसके अलावा ओबीसी 3, दलित 2 उम्मीदवार हैं जबकि अगड़ी जाति को एक भी टिकट नहीं दिया है।

अब मतदाताओं को तय करना है कि वो इस बार किस पर भरोसा करेंगे, किसे जीत दिलाएंगे और किसे हार का स्वाद चखाएंगे।।