मिल्कीपुर उपचुनाव का रास्ता साफ, पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ ने वापस ली याचिका
मिल्कीपुर का मामला 2022 से चल रहा है। यहां से जीत हासिल करने वाले अवधेश प्रसाद पर गलत जानकारी देने के आरोप लगे थे। अब बाबा गोरखनाथ ने याचिका वापस ले ली है।
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव का रास्ता साफ हो गया है। पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ ने अपनी याचिका वापस ले ली है और जल्द ही मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव होंगे। जस्टिस पंकज भाटिया की एकल पीठ ने सोमवार को मामले की सुनवाई की। भाजपा नेता गोरखनाथ बाबा और निर्दलीय प्रत्याशी राम अमृत ने समाजवादी पार्टी के नेता अवधेश प्रसाद के खिलाफ दाखिल याचिका को वापस ले लिया है।
मामला 2022 विधानसभा चुनाव से जुड़ा है। सभा प्रत्याशी अवधेश प्रसाद ने भाजपा प्रत्याशी गोरखनाथ बाबा को 13000 से अधिक वोटों से हराया था और विधायक बने थे। भाजपा नेता ने आरोप लगाया था कि सपा प्रत्याशी ने चुनाव प्रक्रिया में गलत हलफनामा दाखिल किया था और नोटरी के नियमों में उल्लंघन किया था। हालांकि, अब उनकी याचिका वापस हो गई है। ऐसे में जल्द ही मिल्कीपुर उपचुनाव की घोषणा हो जाएगी।
बाबा गोरखनाथ ने क्या कहा?
मिल्कीपुर को लेकर पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ ने कहा कि आज याचिका वापस हुई है। मैं बहुत खुश हूं। मिल्कीपुर में जल्द चुनाव होगा। वहां की जनता सफर न करें। वहां विकास की एक नई गाथा लिखी जाए। यूपी में हाल ही में नौ सीटों पर उपचुनाव हुए, जिनमें समाजवादी पार्टी को दो और एनडीए में शामिल दलों के खाते में सात सीटें गईं। संभावना है कि मिल्कीपुर उपचुनाव अगले साल दिल्ली विधानसभा चुनाव के साथ कराए जाएं। हालांकि, उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में है और उपचुनाव के नतीजों से सरकार पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
मिल्कीपुर में उपचुनाव में देरी क्यों
निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश की रिक्त 10 विधानसभा सीटों में से नौ कटेहरी, करहल, मीरापुर, कुंदरकी, फूलपुर, सीसामऊ, गाजियाबाद, मझवां और खैर सीट पर 13 नवंबर को चुनाव कराने की घोषणा की थी, लेकिन मिल्कीपुर सीट का चुनाव कार्यक्रम घोषित नहीं किया था। मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने उपचुनाव की घोषणा के दौरान मिल्कीपुर के बारे में पूछे जाने पर कहा था कि अदालत में मामला लंबित होने के कारण इस सीट पर उपचुनाव नहीं कराया जा रहा।