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Hindi News उत्तर प्रदेश यूपी विधानसभा उपचुनाव: मायावती-चंद्रशेखर के बीच मचेगा घमासान, दोनों ने जारी की उम्मीदवारों की सूची

यूपी विधानसभा उपचुनाव: मायावती-चंद्रशेखर के बीच मचेगा घमासान, दोनों ने जारी की उम्मीदवारों की सूची

उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव को लेकर सियासत चरम पर है। मायावती ने अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया जिसके बाद चंद्रशेखर आजाद की पार्टी ने भी अपने तीन उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है।

chandraskekhar azad up- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO चंद्रशेखर आजाद ने किया उम्मीदवारों का ऐलान

उत्तर प्रदेश में 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर सियासत चरम पर है। बसपा और चंद्रशेखर आजाद की पार्टी आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) में इन 10 सीटों के लिए काफी दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल रहा है। बसपा ने जहां लंबे समय के बाद उपचुनाव लड़ने का फैसला किया है तो वहीं लोकसभा में सफलता मिलने के बाद चंद्रशेखर आजाद भी चुनावी मैदान में कूद चुके हैं। मायावती ने जहां दो सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान किया है वहीं आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) ने तीन सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है।

आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) ने गाजियाबाद सदर सीट से चौधरी सतपाल, मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट से जाहिद हसन और मिर्जापुर की मझवां सीट से धीरज मौर्या को अपना प्रत्याशी बनाया है। पार्टी की ओर से कहा गया है कि वह जल्द ही बाकी सभी सात सीटों पर प्रत्याशियों के नाम का ऐलान करेगी। 

Image Source : indiaTVयूपी की आजाद पार्टी

मायावती ने चला है बड़ा दांव

बसपा ने मिल्कीपुर और मीरापुर से अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है, जिसमें मायावती ने मिल्कीपुर से रामगोपाल कोरी को टिकट दिया है तो वहीं मीरापुर से चंद्रशेखर आजाद के करीबी शाह नजर को तोड़कर अपना उम्मीदवार बनाया है। शाह नजर फिलहाल बसपा के जिला पंचायत अध्यक्ष हैं और वह पहले चंद्रशेखर आजाद की पार्टी से जुड़े रहे हैं। ऐसे में मीरापुर में मायावती ने चंद्रशेखर के करीबी को तोड़कर अपना उम्मीदवार बनाया है।

तारीखों का ऐलान नहीं

चुनाव आयोग ने फिलहाल उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तारीखों का ऐलान तो नहीं किया है लेकिन इसे लेकर सियासी दांवपेंच चल रही है। बता दें कि उपचुनाव के लिए खाली हुई 10 सीटों में से पांच सीसामऊ, कटेहरी, करहल, मिल्कीपुर और कुंदरकी सपा के पास थीं तो वहीं, फूलपुर, गाजियाबाद, मझवां और खैर भाजपा के पास थीं। मीरापुर सीट भाजपा के सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के पास थी।