यूपी: मेरठ में आयोजित अंतरराष्ट्रीय जाट संसद में केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश को एक अलग राज्य बनना चाहिए और इसकी राजधानी मेरठ होगी। केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने रविवार को यहां आयोजित अंतरराष्ट्रीय जाट संसद में कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश को एक अलग राज्य बनना चाहिए और इसकी राजधानी मेरठ होनी चाहिए। इस संसद में जाट समुदाय से जुड़े जन प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में संजीव बालियान सहित कई बड़ी हस्तियों ने शिरकत की। बालियान ने कहा पश्चिमी यूपी की आबादी 8 करोड़ है। बहुत से छोटे-छोटे प्रदेश हैं, जिस दिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश अलग राज्य बन जाएगा तो यह देश का सबसे अच्छा और समृद्ध प्रदेश होगा।
अपनी इस मांग को पार्टी हाईकमान तक पहुंचाने के सवाल पर बालियान ने कहा कि अलग-अलग पार्टियों और नेताओं के अलग-अलग विचार हो सकते हैं और यह मेरा अपना विचार है कि पश्चिमी यूपी को एक अलग राज्य बनाया जाए। उन्होंने कहा कि मैं इस सपने को सच होने का इंतजार कर रहा हूं। छोटे राज्यों का विकास तेजी से होता है।
काफी समय से हो रही है मांग
पश्चिमी यूपी को अलग राज्य बनाने की मांग बीते लंबे समय से चल रही है। यह मांग कई दशक पुरानी है। बता दें कि रालोद ने भी अलग राज्य को लेकर लंबा आंदोलन चलाया था लेकिन कुछ नहीं हो सका। बता दें कि मायावती ने भी साल 2012 में यूपी को चार हिस्सों में बांटकर छोटे-छोटे राज्य बनाने की मांग की थी।
कार्यक्रम में पश्चिमी उत्तर प्रदेश क्षेत्र को अलग राज्य बनाने, पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, सर छोटू राम और राजा महेंद्र सिंह को भारत रत्न देने और देश के नए संसद भवन में महाराजा सूरजमल का स्मारक स्थापित करने की मांग उठाई गई। अपने संबोधन में बालियान ने कहा, "पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनना चाहिए और मेरठ इसकी राजधानी बननी चाहिए। यहां की आबादी आठ करोड़ है और हाई कोर्ट यहां से 750 किलोमीटर दूर है. इसलिए यह मांग पूरी तरह जायज है।" जाट आरक्षण पर केंद्रीय मंत्री ने कहा, "यह कहना गलत है कि खराब वकालत के कारण आरक्षण खत्म हो गया। सरकार ने कोर्ट में मजबूती से अपना पक्ष रखा, भविष्य में जो भी आरक्षण की बात करेगा, मैं उसके पीछे रहूंगा।"
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