प्रयागराज: अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को सजा मिलने की उल्टी गिनती अब शुरू हो चुकी है। दरअसल, उमेश पाल अपहरण केस में प्रयागराज की स्पेशल एमपी/एमएलए कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई है। इस मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला रिजर्व रखा है। स्पेशल कोर्ट इस केस में 28 मार्च को अपना फैसला सुनाएगा। उमेश पाल अपहरण मामले में माफिया अतीक अहमद और अशरफ को सजा मिलना लगभग तय माना जा रहा है।
साल 2006 में हुआ था उमेश पाल का अपहरण
आज की सुनवाई में अभियोजन की ओर से बचाव पक्ष की बहस का जवाब दाखिल किया गया। बीएसपी विधायक राजू पाल मर्डर केस के गवाह उमेश पाल का अपहरण साल 2006 में हुआ था। अपहरण केस में गवाही न देने के लिए उनसे जबरन हलफनामा ले लिया गया था। उमेश पाल ने साल 2007 में अपने अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया था। पूर्व बाहुबली सांसद अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ के खिलाफ ये केस दर्ज कराया था। आरोप हैं कि अतीक अहमद के इशारे पर उसके गुर्गों ने उमेश का अपहरण किया था।
हत्या से पहले उमेश पाल की हो चुकी थी गवाही
इसी मुकदमे की पैरवी से लौटते वक्त 24 फरवरी को उमेश पाल की उनके घर के बाहर हत्या कर दी गई थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 16 मार्च तक केस की सुनवाई पूरी करने का निर्देश दिया था। पिछले दिनों कई रोज तक वकीलों की हड़ताल के चलते आज सुनवाई पूरी हो सकी है। गौर करने वाली बात ये है कि हत्या से पहले इस केस में उमेश पाल की गवाही हो चुकी थी। इसी आधार पर माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को इस केस में सजा मिलना लगभग तय माना जा रहा है।
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