लखनऊ के स्कूलों में बनेंगे ट्रैफिक कंट्रोल रूम, विद्यालयों के पास जाम से निपटने के लिए बड़ा प्लान
लखनऊ के डीएम ने कहा कि स्कूलों के खुलने और बंद होने के समय ट्रैफिक जाम की समस्या को हल करने के लिए सभी स्कूलों में नोडल ट्रैफिक अधिकारियों के साथ एक ट्रैफिक कंट्रोल रूम होना चाहिए।
लखनऊ के जिलाधिकारी (डीएम) सूर्य पाल गंगवार ने एक अनूठी पहल करते हुए सभी स्कूलों को अपने परिसरों में ट्रैफिक कंट्रोल रूम बनाने का निर्देश दिया है, ताकि उनके संस्थानों के बाहर ट्रैफिक जाम न लगे। डीएम ने स्कूलों को
ट्रैफिक व्यवस्था के सुचारु संचालन के लिए मास्टर प्लान बनाकर उसका अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा है। उन्होंने कहा कि विद्यालयों द्वारा मास्टर प्लान उपलब्ध कराया गया था, लेकिन उसका ठीक से पालन नहीं किया गया।
कंट्रोल रूम में होंगे नोडल ट्रैफिक अधिकारी
डीएम ने कहा कि स्कूलों के खुलने और बंद होने के समय ट्रैफिक जाम की समस्या को हल करने के लिए सभी स्कूलों में नोडल ट्रैफिक अधिकारियों के साथ एक ट्रैफिक कंट्रोल रूम होना चाहिए। गंगवार ने कहा कि नोडल प्रभारी ट्रैफिक व्यवस्था और जाम की निगरानी करेंगे और उस हिसाब से ट्रैफिक जाम करने वाले वाहनों के मालिकों को एक केंद्रीय घोषणा प्रणाली के माध्यम से मार्गदर्शन करेंगे।
स्कूल के बाहर खड़े वाहनों पर होगा एक्शन
डीएम ने कहा कि सभी स्कूलों को अपने वाहनों, कर्मचारियों के वाहनों और माता-पिता के वाहनों को परिसर के अंदर पार्क करना चाहिए। बिना चालक स्कूलों के बाहर खड़े वाहनों पर कार्रवाई की जाएगी। ऐसे सभी वाहनों पर जुर्माना लगाया जाएगा और उनके पंजीकरण प्रमाणपत्र (आरसी) जब्त कर लिए जाएंगे। जिन स्कूलों के परिसर में पार्किंग की जगह नहीं है, उन्हें निर्देश दिया गया है कि वे स्कूल के पास एक जगह की पहचान करें और इसे पार्किंग स्थल के रूप में उपयोग करें। सभी स्कूलों को स्कूल शुरू होने से कम से कम एक घंटे पहले छात्रों को प्रवेश की अनुमति देनी चाहिए।
जिन स्कूल के पास पार्किंग नहीं वे दूसरी जगह करें व्यवस्था
डीएम ने 10 प्रमुख स्कूलों, जहां अत्यधिक ट्रैफिक जाम होता है, को ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए किए जा रहे उपायों पर एक प्रेजेंटेशन देने को भी कहा। स्कूल प्रतिनिधियों ने अधिकारी से कहा है कि परिसर में पार्किंग के लिए कोई जगह नहीं है, जिस पर प्रशासन ने उन्हें कहा है कि पास के स्थान पर पार्किंग की व्यवस्था सुनिश्चित करें और माता-पिता को अपने बच्चों को स्कूल बस से भेजने के लिए प्रेरित करें। स्कूलों को सभी गेटों पर पर्याप्त सुरक्षाकर्मी तैनात करने होंगे।
स्कूल के सुरक्षाकर्मियों को ट्रेनिंग देगी पुलिस
यदि सुरक्षा कर्मी प्रशिक्षित नहीं हैं तो उनकी सूची उपलब्ध कराई जाए, ताकि पुलिस विभाग द्वारा उन्हें प्रशिक्षित किया जा सके। साथ ही बसों, वैनों, साइकिलों, मेट्रो या परिवहन के अन्य साधनों से विद्यालयों में आने वाले विद्यार्थियों की कुल संख्या का विवरण तैयार करें। गौरतलब है कि लखनऊ में स्कूल हाल के वर्षों में ट्रैफिक जाम का एक प्रमुख कारण रहे हैं और समस्या लगातार जटिल होती जा रही है, जिससे सड़कों पर आपातकालीन आवाजाही प्रभावित हो रही है।
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