A
Hindi News उत्तर प्रदेश फीस जमा नहीं करने छात्रों को धूप में बिठाया, प्रधानाचार्य ने खुद रिकॉर्ड किया वीडियो, बोला- बैंक ने डिफॉल्टर घोषित कर दिया है

फीस जमा नहीं करने छात्रों को धूप में बिठाया, प्रधानाचार्य ने खुद रिकॉर्ड किया वीडियो, बोला- बैंक ने डिफॉल्टर घोषित कर दिया है

सिद्धार्थनगर में एक स्कूल में स्कूली बच्चों को केवल इस बात पर स्कूल के बाहर धूप में बिठा दिया गया, क्योंकि उनके माता-पिता ने स्कूल की फीस नहीं भरी थी। वीडियो के बैकग्राउंड में स्कूल के प्रिंसिपल कहते दिख रहे हैं कि बैंक ने उन्हें डिफॉल्टर घोषित कर दिया है।

students forced to sit in broad daylight in Siddharthnagar principle make video gone viral on social- India TV Hindi Image Source : INDIA TV फीस जमा नहीं करने छात्रों को धूप में बिठाया

उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले में स्कूल फीस न जमा करने के कारण स्कूल के बच्चों को स्कूल के बाहर धूप में बिठा दिया गया। दरअसल मामला श्याम राजी हाई स्कूल का है। यहां प्रधानाचार्य ने बच्चों को चिलचिलाती धूप में बाहर खड़ा कर दिया। बच्चों की गलती इतनी सी थी कि उन्होंने स्कूल की फीस जमा नहीं की थी। हद तो तब हो गई जब स्कूल के प्रबंधक ने खुद ही इसका वीडियो बनाकर स्कूल द्वारा बनाए गए सोशल मीडिया ग्रुप में डाल दिया, जहां से उस वीडियो को वायरल कर दिया गया। वीडियो वायरल होने के बाद हर तरफ स्कूल के प्रधानाचार्य के तानाशाही रवैया की चर्चा होने लगी है। 

क्या है मामला?

पूरा मामला सिद्धार्थनगर जिले के इटवा तहसील के श्याम राजी स्कूल का है। बच्चों की गलती इतनी सी है कि उनके माता-पिता ने बच्चों के स्कूल की फीस नहीं भरी। इस कारण नाराज स्कूल के प्रधानाध्यापक शैलेश कुमार त्रिपाठी ने उन्हें बाहर निकाल दिया। इसे लेकर प्रधानाचार्य शैलेश कुमार त्रिपाठी का कहना है कि फीस को लेकर जब हम अभिभावक से निवेदन करते हैं तो हमें वह निवेदन सुनना पड़ता है। लेकिन आज मामला हद से बाहर हो गया है। कई बैंकों से हमें नोटिस मिल चुका है। हम बैंक में डिफॉल्टर हो गए हैं। जब समय से फीस नहीं मिलेगी तो हम विद्यालय कैसे चलाएंगें।

क्या बोले प्रधानाचार्य?

वीडियो को लेकर प्रधानाचार्य ने आगे कहा कि हमने  विद्यालय चलाने के लिए बैंक से लोन लिया है, लेकिन लोन न जमा करने की वजह से अब मेरे सामने यह दिक्कत आ गई है। हमारी भावना बच्चों की बेइज्जती करने का नहीं था, बस हम यह चाहते थे कि बच्चों के माता-पिता तक उनकी क्या परेशान है, यह पहुंचे, इसलिए मैंने यह वीडियो बनाया है। इसको मैंने शेयर नहीं किया था, बल्कि इसको पैरेंट्स ग्रुप में डाल दिया था, वहां से किसी पैरेंट ने इसको वायरल कर दिया। अभिभावक को बुरा लगा होगा, लेकिन मेरा यह मकसद नहीं था। मैं अपनी गलती मान रहा हूं। मेरी यह सोच सही नहीं थी।