यूपी: STF को कॉन्स्टेबल भर्ती पेपर लीक मामले में मिली बड़ी सफलता, हत्थे चढ़ा मुख्य आरोपी; कई परीक्षाओं के पेपर करवा चुका लीक
UP एसटीएफ को आज एक शानदार सफलता हासिल हुई है, एसटीएफ ने यूपी पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती पेपर लीक मामले के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
उत्तर प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती पेपर लीक मामले में एसटीएफ को बड़ी सफलता हाथ लगी है। एसटीएफ ने पेपर लीक मामले के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। यूपी एसटीएफ की नोएडा टीम ने पेपर लीक मामले के मुख्य आरोपी राजीव नयन मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया है। मिली जानकारी के मुताबिक, आरोपी पहले भी कई बड़ी परीक्षाओं के पेपर लीक करवा चुका है और जेल भी जा चुका है। जानकारी दे दें कि यूपी पुलिस और एसटीएफ कई दिनों से मुख्य आरोपी की सरगर्मी से तलाश कर रही थी।
मुखबिर से मिली थी जानकारी
एसटीएफ के मुताबिक, 2 अप्रैल की शाम मुखबिर की सूचना के आधार पर यूपी पुलिस कांस्टेबल परीक्षा का पेपर लीक करने वाले मुख्य आरोपी राजीव नयन मिश्रा निवासी ग्राम अमोरा थाना मेज़ा प्रयागराज व वर्तमान निवासी 97 भरत नगर जेके रोड भोपाल को परी चौक ग्रेटर नोएडा से गिरफ़्तार किया गया। एसटीएफ ने आगे कहा कि आरोपी थाना कंकरखेड़ा मेरठ के क्राइम केस 166/24 की धारा 420/467/468/471/120B IPC 2/3/7/8/9 उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम में वांछित चल रहा था। इसी केस में अभियुक्त राजीव को दाखिल किया गया है।
पहले भी जा चुका है जेल
एसटीएफ ने आगे कहा कि पूछताछ में पता चला कि गुड़गांव के अलावा राजीव ने रीवा के भी एक रिसोर्ट में अपने गैंग के साथ पेपर पढ़वाया था। आरोपी पहले भी NHM घोटाले में ग्वालियर और यूपी टेट पेपर लीक में कौशांबी से जेल जा चुका है।
48 लाख से अधिक लोगों ने किया था रजिस्ट्रेशन
जानकारी के लिए बता दें कि यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा में करीबन 48 लाख उम्मीदवारों ने आवेदन किया था, पर पेपर लीक की वजह से परीक्षा रद्द करनी पड़ी थी। कांस्टेबल रद्द होने के बाद से ही यूपी पुलिस और एसटीएफ पेपर लीक मामले के आरोपियों तक पहुंचने की कोशिश में जुटी हुई थी। अभी तक इस पेपर लीक मामले में 300 से ज्यादा आरोपी पकड़े जा चुके हैं।
कैसे हुआ था पेपर लीक?
गौरतलब है कि सिपाही भर्ती एग्जाम का पेपर लीक प्रिंटिंग प्रेस के जरिए किया गया था, जैसे ही पेपर प्रिंटिंग प्रेस से निकला और इसे ट्रांसपोर्ट करने वाली कंपनी के पास पहुंचा, कि तभी पेपर लीक की घटना सामने आ गई। पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने पेपर लीक करने की पहले से ही योजना बना रखी थी। बता दें कि 17-18 फरवरी की तारीख को कांस्टेबल भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी, इस भर्ती में 60 हजार से ज्यादा पदों पर भर्तियां निकाली गई थी।
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