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Hindi News उत्तर प्रदेश श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामला: हाईकोर्ट से मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका, हिंदू पक्ष की याचिका पर सुनवाई जारी रहेगी

श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामला: हाईकोर्ट से मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका, हिंदू पक्ष की याचिका पर सुनवाई जारी रहेगी

मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि शाही मस्जिद विवाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने मुस्लिम पक्ष की रूल 7/11 की एप्लिकेशन को खारिज कर दिया है।

श्रीकृष्ण जन्मभूमि,...- India TV Hindi Image Source : FILE श्रीकृष्ण जन्मभूमि, शाही ईदगाह

प्रयागराज:  इलाहाबाद हाई कोर्ट ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद मामले में मुस्लिम पक्ष की रूल 7/11 की एप्लिकेशन को खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि सिविल वाद सुनवाई योग्य है। अब हिंदू पक्ष की याचिका पर सुनवाई जारी रहेगी। हाईकोर्ट के इस आदेश से मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका लगा है।

इस मामले में हिंदू पक्ष ने कुल 18 याचिकाएं दाखिल कर शाही ईदगाह मस्जिद की जमीन को हिंदुओं की बताते हुए पूजा का अधिकार देने की मांग की थी। वहीं हिंदू पक्ष की याचिका के बाद मुस्लिम पक्ष ने प्लेसिस ऑफ एक्ट, वक्फ एक्ट आदि का हवाला देते हुए हिंदू पक्ष की याचिकाओं को खारिज करने की मांग की थी। लेकिन हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया है। अब हिंदू पक्ष की 18 याचिकाओं पर एक साथ इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई होगी।

अदालत ने जून में फैसला सुरक्षित रखा

जून में सिविल वाद की पोषणीयता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। नागरिक प्रक्रिया संहिता (सीपीसी) के नियम 11 का आदेश 7 यह व्यवस्था देता है कि यदि कोई वाद किसी कानून के तहत बाधित है तो वह पोषणीय (सुनवाई योग्य) नहीं है। 

मुस्लिम पक्ष

मुस्लिम पक्ष- शाही ईदगाह की प्रबंधन कमेटी और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने उक्त नियम के तहत वाद की पोषणीयता को इस आधार पर चुनौती दी थी कि ये वाद पूजा स्थल अधिनियम, 1991 के तहत बाधित हैं क्योंकि इस कानून में 15 अगस्त, 1947 को मौजूद किसी धार्मिक स्थल का चरित्र नहीं बदला जा सकता। मुस्लिम पक्ष के मुताबिक, ये वाद स्वयं यह बात स्वीकारते हैं शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण 1669-70 में किया गया था।

हिंदू पक्ष

हिंदू पक्ष द्वारा दायर मुकदमों में मथुरा में 13.37 एकड़ परिसर में कटरा केशव देव मंदिर से सटी शाही ईदगाह मस्जिद हटाने की प्रार्थना की गई । साथ ही शाही ईदगाह मस्जिद परिसर का कब्जा सौंपने और मौजूदा ढांचे को ध्वस्त करने की मांग की गई।