न नशा न सुसाइड, कुछ और ही है सीतापुर में 6 मौतों की वजह, पुलिस ने बताई हकीकत
शुरुआत में सामने आया था कि नशे में एक युवक ने परिवार के पांच लोगों की हत्या की। इसके बाद उसने खुद को भी गोली मार ली। हालांकि, बाद में पुलिस की जांच में कुछ और ही सामने आया है।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने सीतापुर हत्याकांड की गुत्थी सुलक्षा ली है। पुलिस के अनुसार परिवार के छोटे बेटे ने अपनी मां, भाई, भाभी, दो भतीजी और भतीजे की हत्या की थी। इसके बाद दूसरी कहानी बताकर पुलिस को बहकाने की कोशिश की। मृतक अनुराग के साले के आरोप पर जांच करते हुए पुलिस ने पूछताछ की तो सारी सच्चाई सामने आ गई। लखवऊ रेंज को आईजी ने खुद इस मामले की जानकरी दी है।
लखनऊ रेंज के आईजी तरूण गाबा ने कहा ''10 और 11 तारीख की दरमियानी रात को रामपुर थाना क्षेत्र में एक बहुत ही गंभीर अपराध हुआ, जिसमें परिवार के छह सदस्यों की हत्या कर दी गई। मृतकों में से एक के भाई ने कहा कि अनुराग ने परिवार के 5 लोगों की हत्या करने के बाद आत्महत्या कर ली। जांच के बाद पता चला कि मृतक का भाई हमें गुमराह कर रहा है। सच तो यह है कि कोई आत्महत्या नहीं हुई थी और अनुराग की भी हत्या की गई थी। बाद में पता चला कि अनुराग के भाई अजीत ने यह अपराध किया था।"
क्या है मामला?
रामपुर मथुरा थाना क्षेत्र के पहलापुर गांव में एक ही परिवार के छह लोगों की दर्दनाक मौत हुई थी। शुरुआत में सामने आया कि मृतक अनुराग सिंह (45 वर्ष) ने नशे की हालत में अपने तीन बच्चे अशिमी (10 वर्ष) आशना (12 वर्ष) अभिजीत सिंह (6 वर्ष) की बारी-बारी से छत से नीचे फेंक कर हत्या कर दी। इसके बाद मां सावित्री और पत्नी प्रियंका (40 वर्ष) को भी गोली मार दी। अंत में उसने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली।
साले के बयान ने खोली पोल
मृतक अनुराग के साले अंकित सिंह ने कहा कि जिस समय हत्याकांड को अंजाम दिया जा रहा था उसे समय घर में छह लोग नहीं सात लोग घर पर मौजूद थे। घटना के समय घर पर अनुराग के साथ उनका छोटा भाई अजित सिंह भी घर पर ही मौजूद था, लेकिन पुलिस ने अपने बयान में इस बात जिक्र नही अभी नही किया है। अंकित सिंह ने कहा कि मृतक अनुराग खरबूज और तरबूज के बहुत बड़े व्यापारी हैं। वह 100 बीघा जमीन पर खेती करते थे। अंकित के अनुसार प्रॉपर्टी विवाद के चलते पूरे परिवार की नाटकीय ढंग से निर्मम हत्या की गई। अंकित सिंह का कहना था कि लगातार अनुराग लोगों को गोली मार रहे थे और बच्चों को छत से बारी-बारी से नीचे फेंक रहे थे, लेकिन पड़ोस में रहने वालों को मामले की भनक तक नहीं लगी, ऐसा कैसे हो सकता है।
गांव के लोगों का भी कहना था कि अनुराग घटना से पहले नशे में था, लेकिन इतने भी नशे में नहीं था कि अपने ही परिवार के लोगों की हत्या कर दे। इन आरोपों के बाद पुलिस ने जांच का एंगल बदला तो सच्चाई सामने आ गई।
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