मथुरा-वृन्दावन में दो दिन मनाई जाएगी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, जानें कैसें हैं इंतजाम
भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली मथुरा-वृन्दावन में इस बार दो दिन जन्मोत्सव मनाया जाएगा। ऐसे में देश-विदेश से यहां आने वाले श्रद्धालु दो दिन जन्माष्टमी का आनंद ले सकेंगे। वहीं श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को लेकर तैयारियां जोर-शोर से की जा रही हैं।
मथुरा: उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी मथुरा-वृन्दावन में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव दो दिन मनाया जाएगा, जिसके लिए व्यापक सुरक्षा के इंतजाम किये जा रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि ब्रज में इन दिनों श्रीकृष्ण का 5251 वां जन्मदिन धूमधाम से मनाने के लिए व्यापक तैयारियां चल रही हैं। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान सहित सभी प्रमुख मंदिरों में जन्माष्टमी का पर्व 26 अगस्त की मध्यरात्रि को मनाया जाएगा, जबकि वृन्दावन के ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में जन्माष्टमी 27 अगस्त की रात्रि में मनाई जाएगी। ऐसे में यहां आने वाले श्रद्धालु दो-दो दिन जन्माष्टमी का आनन्द ले सकेंगे।
26 और 27 अगस्त को जन्माष्टमी
हर वर्ष भाद्रपद मास के कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि की मध्यरात्रि भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इसके दूसरे दिन नवमी के अवसर पर मंदिरों में नन्दोत्सव (कृष्ण जन्म की खुशी का उत्सव) मनाया जाता है, जिसमें प्रतीकात्मक नन्द बाबा अपने यहां पुत्र जन्म होने के अवसर पर उत्सव मनाते हैं। संतों के अनुसार, इस बार ब्रज में सभी मंदिरों एवं ब्रज के घरों में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का उत्सव 26 अगस्त की मध्यरात्रि को मनाया जाएगा। दिन में व्रत रखा जाएगा और रात के 12 बजे भगवान के जन्म के बाद धनिया से बनी पंजीरी का भोग लगाकर व्रत का पारण किया जाएगा। वृन्दावन स्थित ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 27 अगस्त को मनाई जाएगी।
पंचांग के अनुसार तय होती है तारीख
मंदिर के प्रबंधक मुनीश शर्मा ने बताया कि बांकेबिहारी मंदिर में वर्ष भर आयोजित होने वाले सभी पर्वोत्सव मंदिर के पुरोहित द्वारा तय किए गए पंचांग के अनुसार सम्पन्न किए जाते हैं, जो उदयात (यानि जिस तिथि में सूर्योदय होता है) के आधार पर तय किए जाते हैं। बिहारी जी मंदिर के पुरोहित एवं सेवायत आचार्य छैलबिहारी गोस्वामी ने बताया कि हर वर्ष की शुरुआत में ही मंदिर के सभी त्योहार-पर्वों का पंचांग तैयार कर लिया जाता है और फिर पूरे वर्ष उसी के मुताबिक सभी कार्य सम्पन्न किए जाते हैं। उन्होंने बताया ‘‘इस वर्ष चूंकि अष्टमी तिथि में सूर्योदय 27 अगस्त को होगा, इसलिए मंदिर की परंपरा के अनुसार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व उसी दिन मनाया जाएगा तथा मध्य रात्रि पश्चात ठाकुर जी की मंगला आरती दो बजे की जाएगी।’’ मंगला आरती विशेष आरती है जो वर्ष में एक बार, केवल इसी दिन की जाती है।
रात 12 बजे से होगा आराध्य का महाभिषेक
ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के इतिहास के जानकार एवं सेवायत आचार्य प्रह्लाद बल्लभ गोस्वामी ने बताया कि 27 अगस्त को निर्धारित समय पर ही दर्शन व आरतियां की जाएंगी जिसके बाद रात 12 बजे से आराध्य का महाभिषेक होगा, जिसके दर्शन आम दर्शनार्थियों के लिए सुलभ नहीं होंगे। उन्होंने बताया कि इसके उपरांत रात लगभग दो बजे मंगला आरती होगी। कुछ दशक पहले तक ये मंगला आरती भोर में चार बजे होती थी, जिसमें सीमित संख्या में ही भक्त सम्मिलित होते थे।
मंगला आरती के बाद होंगे दर्शन
आचार्य प्रह्लाद बल्लभ गोस्वामी ने बताया कि मंगला आरती सम्पन्न होने के कुछ समय उपरांत ठाकुर जी के दर्शन भक्तों को सुलभ होंगे। ‘‘तब मंदिर सुबह पांच बजे तक खुला रहेगा। सुबह शृंगार आरती के बाद कृष्ण जन्म के उपलक्ष्य में मंदिर में नन्दोत्सव का आयोजन किया जाएगा। तब ठाकुरजी पीत वस्त्राभूषणों से सुसज्जित होकर अनुपम दर्शन प्रदान करेंगे।’’ मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान न्यास के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर गर्भगृह, ठाकुर केशव देव एवं भागवत भवन सहित सभी मंदिरों में जन्माष्टमी का पर्व 26 अगस्त को ही मनाया जाएगा।
श्रद्धालुओं के लिए की जा रही व्यवस्था
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) शैलेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि इसके लिए शासन स्तर से दो से ढाई हजार पुलिसकर्मी एवं अधिकारियों की मांग की गई है। जिससे इस अवसर पर देश-विदेश से आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को सुरक्षा प्रदान की जा सके। उन्होंने बताया कि इसके लिए पूरी योजना तैयार कर ली गई है और उसी के अनुरूप सारी तैयारियां की जा रही हैं। एसएसपी ने कहा कि विशेष तौर पर मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान एवं वृन्दावन के ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी दो अलग-अलग दिन मनाए जाने पर व्यवस्था बनाए रखने में कुछ आसानी रहेगी। (इनपुट- एजेंसी)
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