लखनऊ: राज्यसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका लग सकता है। चुनाव से पहले हुई बैठक में समाजवादी पार्टी के 7 विधायक नहीं पहुंचे हैं। पार्टी इन विधायकों से संपर्क करने में जुटी है,जिसमें से कुछ ने कहा कि वह देर से पहुंचेंगे।
कौन-कौन नहीं पहुंचा बैठक में?
- राकेश पाण्डेय
- अभय सिंह
- राकेश प्रताप सिंह
- मनोज पाण्डेय
- विनोद चतुर्वेदी
- महाराजी प्रजापति
- पूजा पाल
राज्यसभा चुनाव में कैसे होती है वोटिंग?
राज्यसभा चुनाव में विधायक यानी MLA वोटिंग करते हैं और राज्यसभा चुनाव की वोटिंग का फॉर्मूला भी काफी अलग होता है। किसी राज्य की राज्यसभा की खाली सीटों में एक जोड़कर उससे कुल विधानसभा सीटों को बांटा जाता है और फिर उसमें एक जोड़ दिया जाता है।
राज्यसभा के लिए होने वाली वोटिंग में सभी विधायक मतदान करते हैं और उनका वोट एक बार ही गिना जाता है। इसलिए वो हर सीट के लिए वोट नहीं कर सकते हैं। ऐसे में विधायकों को चुनाव के दौरान प्राथमिकता के आधार पर वोट देना होता है। उन्हें कागज पर लिखकर बताना होता है कि उनकी पहली पसंद कौन है और दूसरी पसंद कौन, फिर पहली पसंद के वोट जिसे ज्यादा मिलेंगे, वही जीता हुआ माना जाएगा।
राज्यसभा के सभापति भारत के उपराष्ट्रपति होते हैं और इस सदन के सदस्य छह साल के लिए चुने जाते हैं लेकिन इनमें से एक तिहाई सदस्यों का कार्यकाल प्रत्येक दो साल में पूरा हो जाता है। यानी कि प्रत्येक दो साल पर राज्यसभा के एक तिहाई सदस्य बदल जाते हैं। यह लोकसभा के चुनाव से बिल्कुल अलग होता है।
राज्यसभा सदस्यों का कार्यकाल छह साल तक का होता है। राज्यसभा में जाने वाले सांसदों का चुनाव जनता नहीं करती है, इन सांसदों का चुनाव जनता द्वारा चुने गए विधायक करते हैं। वर्तमान में, राज्यसभा में सदस्यों की संख्या 245 है।
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