A
Hindi News उत्तर प्रदेश कानपुर में रेलवे ट्रैक के किनारे की बस्तियां कराई जाएंगी खाली, इस वजह से लिया गया फैसला

कानपुर में रेलवे ट्रैक के किनारे की बस्तियां कराई जाएंगी खाली, इस वजह से लिया गया फैसला

कानपुर में उत्तर मध्य रेलवे के डीआरएम और कानपुर पुलिस कमिश्नर ने मिलकर एक योजना बनाई और हादसे के खुलासे को लेकर भी चर्चा की। इस बीच ऐसे हादसों से बचने के लिए रेल ट्रैक के किनारे इन बस्तियों को हटाने की योजना अब बनाई गई है। इससे इस तरह की घटना पर रोक लगने का अनुमान है।

कानपुर में रेलवे ट्रैक के किनारे की बस्तियां होंगी खाली- India TV Hindi Image Source : INDIA TV कानपुर में रेलवे ट्रैक के किनारे की बस्तियां होंगी खाली

कानपुरः उत्तर प्रदेश के कानपुर में साबरमती एक्सप्रेस और कालिंद्री एक्सप्रेस को डीरेल करने की नाकाम कोशिश का मामला सामने आने के बाद प्रशासन ने बड़ा फैसला है। जानकारी के अनुसार, रेलवे ट्रैक के किनारे की बस्तियों को खाली करवाया जाएगा। उत्तर मध्य रेल के डीआरएम हिमांशु बडोनी और कानपुर पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार की बैठक में यह फैसला लिया गया। 

रेलवे ट्रैक का निरीक्षण 

दोनों अधिकारियों ने मंधना स्टेशन से लेकर गंगा घाट स्टेशन तक के रेलवे ट्रैक का निरीक्षण किया गया। इसके बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि रेल हादसों को रोकने के लिए सबसे पहले रेल के ट्रैक के किनारे रहने वाले अवैध लोगों को और उनकी बस्तियों को हटाया जाए। वहीं पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने भी बताया की जल्द ही घटना का खुलासा किया जायेगा। जांच जारी है। 

इस वजह हटाई जाएंगी बस्तियां

उन्होंने बताया कि रेल लाइन के किनारे रहने वाले परिवारों को स्थाई रूप से हटाने की योजना बनाई गई है। इससे रेल ट्रैक ख़ाली रहेगा और कोई भी संदिग्ध रेल ट्रैक के पास नहीं घूम सकेगा। इनके घर अवैध रूप से रेल लाइन के किनारे बस्तियों में बसे हैं। जहां बार-बार इनकी तस्दीक करना मुश्किल होता है। वहां से गुजरने वाला शख्स कोई संदिग्ध है या रेल लाइन के किनार रहने वाला परिवार इस बारे में हमेशा संदेह रहता है।

एक महीने में दो बार ट्रेन डिरेल करने की हो चुकी है साजिश

बता दें कि कानपुर में एक महीने के भीतर दो ट्रेन हादसों से रेल प्रबंधन और पुलिस सकते में है। इसकी वजह से उत्तर मध्य रेलवे के डीआरएम और कानपुर पुलिस कमिश्नर ने मिलकर एक योजना बनाई है। इसके तहत अवैध बस्तियों को खाली कराया जाएगा। फिलहाल पुलिस से लेकर ट्रेन प्रबंधन और पुलिस घटना का खुलासा के लिए तेजी से जांच कर रहा है लेकिन उनके हाथ खाली हैं।  

रिपोर्ट- ज्ञानेश शुक्ला