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Hindi News उत्तर प्रदेश सपा सांसद अफजाल अंसारी सदन की कार्यवाही में नहीं पाएंगे हिस्सा! शपथ लेने पर भी सस्पेंस, सामने आई ये वजह

सपा सांसद अफजाल अंसारी सदन की कार्यवाही में नहीं पाएंगे हिस्सा! शपथ लेने पर भी सस्पेंस, सामने आई ये वजह

29 नवंबर 2005 को बीजेपी नेता कृष्णानंद राय की उनके छह साथियों के साथ ग़ाज़ीपुर में हत्या कर दी गई थी। 2007 में ग़ाज़ीपुर पुलिस ने राय और छह अन्य की हत्या और वाराणसी स्थित व्यापारी नंद के अपहरण और हत्या के आधार पर मुख्तार और उनके भाई अफ़ज़ल अंसारी के खिलाफ केस दर्ज किया गया था।

सपा सांसद अफजाल अंसारी- India TV Hindi Image Source : FILE-ANI सपा सांसद अफजाल अंसारी

लखनऊः 18वीं लोकसभा का गठन हो चुका है। नवनिर्वाचित सांसदों को शपथ दिलाई जा रही है। इस बीच सपा सांसद अफजाल अंसारी के शपथ ग्रहण को लेकर सस्पेंस है। यही नहीं अफजाल अंसारी अभी संसद की कार्यवाही में भी हिस्सा नहीं ले सकेंगे। साथ ही वह संसद निधि का पैसा खर्च भी नहीं कर सकेंगे। 

सुप्रीम कोर्ट ने दी थी सशर्त राहत

दरअसल, गाजीपुर से सांसद अफजाल अंसारी को 2023 में गैंगस्टर के एक मामले में सजा मिली थी। कोर्ट के फैसले के बाद उनकी सदस्यता खत्म हो गई थी। इस आदेश के खिलाफ अफजाल सुप्रीम कोर्ट गए तो 14 दिसंबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने सपा पर रोक लगा दी लेकिन साथ ही कई शर्तें भी लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब तक इलाहाबाद हाई कोर्ट अफजाल अंसारी की अपील पर फैसला नहीं सुना देता तब तक वह संसद की कार्यवाही में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। अफजाल संसद में किसी मुद्दे पर वोटिंग भी नहीं कर सकते। वह संसद निधि का पैसा भी खर्च नहीं कर सकते। 

अफजाल ने निचली अदालत के फैसले को दी है चुनौती

अफजाल अंसारी ने सजा को रद्द किए जाने की मांग को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट में अपील की है। मामले की अगली सुनवाई 2 जुलाई को होगी। कोर्ट इस मामले में अपना फैसला जल्द सुना सकती है। वहीं, विपक्षी वकील का कहना है कि अफजाल सदन की कार्रवाई में हिस्सा नहीं ले सकते। इसके लिए उन्हें सुप्रीम कोर्ट से इजाजत लेनी पड़ेगी।

क्या कहना है अफजाल के वकीलों का

अफजाल अंसारी के वकीलों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश 17वीं लोकसभा के लिए था। यह 18वीं लोकसभा के लिए लागू नहीं होगा। माना जा रहा है कि हाई कोर्ट जुलाई या अगस्त में अपना फैसला सुना सकती है। अगर कोर्ट का फैसला अफजाल अंसारी के खिलाफ आता है तो उनको संसदी से हाथ धोना पड़ सकता है। साथ ही वह 6 साल चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे।