सपा विधायक इरफान सोलंकी दोषी करार, आगजनी मामले में आया कोर्ट का फैसला, जानें कब होगा सजा का ऐलान
सपा विधायक इरफान सोलंकी समेत 5 लोगों को कोर्ट ने दोषी ठहराया है। जाजमऊ आगजनी मामले में एमपी एमएलए सेशन कोर्ट के विशेष न्यायाधीश सत्येंद्र नाथ त्रिपाठी ने सपा विधायक इरफान सोलंकी को दोषी करार दिया है।
समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी समेत 5 लोगों को आगजनी मामले में कोर्ट ने दोषी ठहराया है। कोर्ट में उनके खिलाफ आगजनी केस में सारे आरोप साबित हो गए हैं। इरफान सोलंकी आईपीसी की धारा 436, 427, 147, 504, 506, 323 में दोषी पाए गए हैं। इरफान सोलंकी की सजा को लेकर एमपी एमएलए कोर्ट में 7 जून को बहस होगी। अपर जिला जज सत्येंद्र नाथ त्रिपाठी ने विधायक सोलंकी को दोषी करार दिया है। इरफान सोलंकी कानपुर की सीसामऊ विधानसभा से 4 बार सपा से विधायक हैं। महराजगंज जेल में बंद इरफान सोलंकी के साथ उनके भाई रिजवान सोलंकी, शौकत पहलवान, इजराइल आटावाला और मो. शरीफ को कोर्ट में तलब किया गया था। जिसके बाद उन्हें भी सोलंकी के साथ दोषी पाया गया है। इनके खिलाफ जाजमऊ पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की थी। जिसका ट्रायल पूरा हो चुका है। कोर्ट का फैसला आने के बाद विधायक इरफान सोलंकी के समर्थकों के बीच आक्रोश है। दोषी करार दिए जाने पर उनके समर्थकों ने कोर्ट परिसर में ही हंगामा कर दिया।
आगजनी मामला क्या था
सपा विधायक इरफान सोलंकी, उनके भाई रिजवान सोलंकी व उनके साथियों पर जाजमऊ की डिफेंस कॉलोनी में रहने वाली नजीर फातिमा ने उनके घर में आग लगाने का आरोप लगाया था। पुलिस रिपोर्ट में फातिमा का आरोप था कि उनके घर में 7 नवंबर 2022 को आग लगी थी। उनका परिवार और वह एक रिश्तेदार की शादी में गई हुईं थी। शादी के बीच जब उनका बेटा किसी काम से अपने घर पहुंचा तो देखा कि उसके घर में आग लगी हुई है। इरफान सोलंकी, उनके भाई रिजवान सोलंकी और उनके साथियों ने उनके बेटे से मारपीट भी की थी और उसे आग में धकेलने की कोशिश भी की थी। मामले को लेकर जब विधायक सोलंकी के खिलाफ FIR दर्ज हुई तो वह गिरफ्तारी से बचने के लिए फरार हो गए।
आखिरकार इरफान सोलंकी और उनके साथी आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। तब से इरफान महाराजगंज जेल में ही बंद हैं और उनके साथ-साथ रिजवान, मो. शरीफ, शौकत अली व इजराइल आटे वाला के खिलाफ कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। इस मामले में इरफान, रिजवान, शौकत अली और इसराइल आटेवाला कानपुर जेल में ही बंद हैं जबकि जमानत मिलने के बाद मोहम्मद शरीफ की जेल से रिहाई हो चुकी है। कोर्ट में दोनों पक्षों की बहस 1 मार्च को ही पूरी हो गई थी। जिसके बाद कोर्ट ने फैसले के लिए 14 मार्च की तारीख तय की थी। तब से अलग-अलग कारणों से कोर्ट का फैसला टलता रहा। फैसला सुनने के लिए महाराजगंज जेल में बंद इरफान को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया गया जबकि रिजवान, शौकत अली और इसराइल आटेवाला को कानपुर जेल से लाकर कोर्ट में पेश किया गया था। जमानत पर जेल से बाहर मोहम्मद शरीफ भी कोर्ट में हाजिर हुआ था।
(कानपुर से ज्ञानेंद्र शुक्ला की रिपोर्ट)
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