लोकसभा चुनाव 2024 | इमरान मसूद Vs राघव लखनपाल Vs माजिद अली: सहारनपुर में कड़ी टक्कर
उत्तर प्रदेश की सहारनपुर लोकसभा सीट का इतिहास बेहद दिलचस्प रहा है और पिछले कुछ चुनावों से यह किसी भी एक पार्टी का गढ़ नहीं रही है। 2019 में यहां से बीएसपी तो 2014 में बीजेपी ने जीत दर्ज की थी।
लोकसभा चुनावों के लिए विभिन्न सियासी दलों ने अपना पूरा जोर लगा दिया है। उत्तर प्रदेश पर सभी दलों की खास नजर है क्योंकि यहां सबसे ज्यादा 80 लोकसभा सीटें हैं। पिछले 2 लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने यहां शानदार प्रदर्शन किया है और इस बार उसकी नजरें सूबे की सभी 80 सीटों पर हैं। इन 80 सीटों में से एक सहारनपुर की सीट भी है जहां त्रिकोणीय मुकाबले की संभावना बनती नजर आ रही है। बता दें कि 2019 में के लोकसभा चुनाव में इस सीट से बहुजन समाज पार्टी के हाजी फजलुर्रहमान ने जीत दर्ज की थी।
कभी इधर, तो कभी उधर रही है सहारनपुर की सीट
उत्तर प्रदेश की सहारनपुर लोकसभा सीट का इतिहास बेहद दिलचस्प है। शुरुआती दौर को छोड़ दिया जाए तो इस सीट पर कभी भी एक पार्टी का आधिपत्य नहीं रहा। 2019 में इस सीट पर बहुजन समाज पार्टी ने जीत दर्ज की थी, तो 2019 में बीजेपी के राघव लखनपाल ने यहां अपना परचम लहराया था। 2009 में यह सीट एक बार फिर बहुजन समाज पारटी के पास थी, तो 2004 में समाजवादी पार्टी के रशीद मसूद ने यहां से जीत दर्ज की थी। इस तरह देखा जाए तो सहारनपुर की सीट पर लड़ाई हमेशा ही दिलचस्प होती रही है।
पिछले चुनाव में करीबी मुकाबले में हारे थे लखनपाल
भारतीय जनता पार्टी के मौजूदा प्रत्याशी राघव लखनपाल को 2019 में बेहद करीबी मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा था। उन चुनावों में बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी हाजी फजलुर्रहमान ने राघव लखनपाल को 22 हजार से ज्यादा मतों के अंतर से पराजित किया था। बीएसपी प्रत्याशी को उन चुनावों में 5,14,139 वोट मिले थे जबकि लखनपाल 4,91,722 वोटों पर ही सिमट गए थे। वहीं, 2014 के लोकसभा चुनावों में राघव लखनपाल ने शानदार जीत दर्ज की थी और पहली बार संसद पहुंचे थे। इस बार भी राघव लखनपाल 2014 के इतिहास को दोहराकर एक बार फिर संसद पहुंचना चाहेंगे।
पहली बार लोकसभा में पहुंचना चाहेंगे इमरान मसूद
इमरान मसूद पहली बार चर्चा में तब आए थे जब उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनावों के पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ एक बेहद ही विवादित बयान दिया था। 2014 में इमरान मसूद का सामना बीजेपी के राघव लखनपाल से हुआ था जिसमें भगवा दल के नेता ने बाजी मार ली थी। इमरान मसूद को उन चुनावों में 4,07,909 वोट मिले थे जबकि राघव लखनपाल को 4,72,999 लोगों ने वोटों के रूप में अपना समर्थन दिया था। बसपा प्रत्याशी जगदीश सिंह राणा करीब 2.35 लाख वोट लेकर उन चुनावों में तीसरे नंबर पर रहे थे। इमरान मसूद इस बार पिछला इतिहास भुलाकर संसद पहुंचने की पुरजोर कोशिश करेंगे।
देवबंद से विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं माजिद अली
बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी माजिद अली की भले ही उनके बाकी के दोनों प्रतिद्वंदियों की तरह चर्चा न हो रही हो लेकिन वह एक मजबूत जमीनी नेता हैं। 55 साल के माजिद अली 2009 में बीएसपी में शामिल हुए थे और मौजूदा समय में जिला पंचायत सदस्य हैं। सहरानपुर के हुलास अकबरपुर गांव के निवासी माजिद अली 2017 के विधानसभा चुनावों में बसपा के टिकट पर देवबंद से ताल भी ठोक चुके हैं। बता दें कि वह अभी कुछ समय पहले ही बीएसपी में वापस आए थे और ऐसे में पार्टी ने उन्हें टिकट देकर उन पर बहुत बड़ा भरोसा जताया है।
उत्तर प्रदेश में 7 चरणों में होंगे लोकसभा चुनाव
उत्तर प्रदेश में 2024 के लोकसभा चुनाव 7 चरणों में संपन्न कराए जाएंगे। सूबे में पहले चरण की वोटिंग 19 अप्रैल को, दूसरे चरण की वोटिंग 26 अप्रैल को, तीसरे चरण की वोटिंग 7 मई को, चौथे चरण की वोटिंग 13 मई, पांचवें चरण की वोटिंग 20 मई, छठवें चरण की वोटिंग 25 मई और सातवें चरण की वोटिंग एक जून को होगी। चुनावों के नतीजे 4 जून को आएंगे। सहारनपुर में पहले चरण के तहत 19 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। पिछले चुनावों की तरह इस बार भी यहां जोरदार मुकाबला होने की उम्मीद जताई जा रही है, और 4 जून को ही पता चलेगा कि जनता तक अपनी बात को बेहतर तरीके से कौन प्रत्याशी पहुंचा पाया।