विधायकी जाने के बाद आजम खान की Y कैटेगरी की सुरक्षा भी गई, योगी सरकार ने वापस ली सिक्योरिटी
समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक आज़म खान की Y कैटेगरी की सुरक्षा वापस ले ली गई है। इससे पहले आज़म खान की एक भड़ाकऊ भाषण के मामले में दोषी पाए जाने के बाद विधायकी भी रद्द कर दी गई थी।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक आज़म खान की Y कैटेगरी की सुरक्षा वापस ले ली है। सपा सरकार से उनके पास Y श्रेणी की सुरक्षा थी। जानकारी मिली है कि आज़म खान की सुरक्षा में लगे पुलिस कर्मियों ने पुलिस लाइन में आमद दर्ज कर दी है। पिछले साल रामपुर की एक सांसद/विधायक अदालत ने आजम खान को 2019 के एक अन्य नफरती भाषण मामले में दोषी ठहराया था और उन्हें तीन साल की सजा सुनाई थी, जिसके बाद उन्हें अपनी विधायकी से हाथ धोना पड़ा था।
सुरक्षा मुख्यालय के आदेश पर ली गई सिक्योरिटी वापस
बताया जा रहा है कि आजम खान की सुरक्षा वापस लेने का आदेश सुरक्षा मुख्यालय का है। समिति की बैठक के फैसले से रामपुर के एसपी अशोक कुमार शुक्ला को एसपी प्रशिक्षण एवं सुरक्षा वैभव कृष्ण ने एक पत्र से अवगत कराया, जिसके बाद आजम खान की सुरक्षा वापस ले ली गई। अपर पुलिस अधीक्षक संसार सिंह ने बताया कि राज्य स्तरीय सुरक्षा समिति के निर्णय के बाद ही आजम खान की सुरक्षा वापस ली गई है। राज्य स्तरीय सुरक्षा समिति के निर्णय के आधार पर ये कार्यवाही हुई है। समिति की पिछली बैठक में निर्णय लिया गया था कि आजम खान को Y श्रेणी की सुरक्षा को बनाए रखने का कोई औचित्य नहीं है।
भड़काऊ भाषण मामले में कल फैसला सुनाएगी अदालत
बता दें कि रामपुर की एक विशेष अदालत समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता आजम खान के खिलाफ भड़काऊ भाषण मामले में कल यानी 15 जुलाई को अपना फैसला सुनाएगी। एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि मामले के संबंध में आजम खान की ओर से जिरह की प्रक्रिया बुधवार को पूरी हो गई और सांसद/विधायक मजिस्ट्रेट शोभित बंसल ने अपना फैसला सुनाने के लिए 15 जुलाई की तारीख तय की है।
इस मामले की वजह से गई विधायकी
गौरतलब है कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान सपा नेता आजम खान द्वारा थाना शहजादनगर के धमोरा में एक चुनावी जनसभा में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने को लेकर एक मामला तत्कालीन वीडियो निगरानी टीम प्रभारी अनिल कुमार चौहान ने दर्ज कराया था। इस मामले में आजम खान पर तत्कालीन मुख्यमंत्री, रामपुर के तत्कालीन जिला निर्वाचन अधिकारी और निर्वाचन आयोग को निशाना बनाते हुए भड़काऊ भाषण देने का आरोप है।
ये भी पढ़ें-
भारत के टेस्ट इतिहास में यशस्वी ने पहली बार किया ये कारनामा, सचिन-धोनी भी नहीं कर पाए ऐसा कमाल