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Hindi News उत्तर प्रदेश राम मंदिर इतिहास रचने के लिए तैयार, यह हमारे लिए जीवन में एक बार आने वाला क्षण है: प्रधान पुजारी

राम मंदिर इतिहास रचने के लिए तैयार, यह हमारे लिए जीवन में एक बार आने वाला क्षण है: प्रधान पुजारी

सत्‍येंद्र दास 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस से लगभग 9 महीने पहले से पुजारी के रूप में वहां भगवान राम की पूजा कर रहे हैं। उन्‍होंने कहा, मुझे अभी भी नहीं पता कि मुझे ऐसी ऊर्जा कहां से मिली, जिसने मुझे इतने वर्षों तक आगे बढ़ने में मदद की।

satyendra das- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO पुजारी सत्येंद्र दास

अयोध्या: देश अगले महीने यहां राम मंदिर के प्रतिष्ठा समारोह के साथ अपने इतिहास में एक नया अध्याय लिखने के लिए तैयार है, जो करोड़ों भारतीयों के आशीर्वाद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों के बिना संभव नहीं होता। यह बात गुरुवार को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्‍येंद्र दास ने कही। अपने सपने को साकार होते देख उत्साहित दास ने कहा कि यह क्षण उनके लिए व्यक्तिगत रूप से बहुत भावनात्मक है, क्योंकि 22 जनवरी को होने वाले मेगा कार्यक्रम के लिए अयोध्या हर तरफ गतिविधियों से भरी हुई है। उन्‍होंने कहा, “कुछ लोगों ने राम मंदिर निर्माण के लिए अपनी जीवनभर की कमाई दान कर दी है। रामलला की शक्ति ही अंतिम सत्य है, जो हम सभी को एक साथ बांधती है।”

प्रधानमंत्री मोदी 22 जनवरी को रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह की अध्यक्षता करेंगे, जब भगवान को मंदिर के गर्भगृह में विराजमान किया जाएगा।

कई दशकों से रामलला की पूजा कर रहे दास

सत्‍येंद्र दास 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस से लगभग 9 महीने पहले से पुजारी के रूप में वहां भगवान राम की पूजा कर रहे हैं। उन्‍होंने कहा, “मुझे अभी भी नहीं पता कि मुझे ऐसी ऊर्जा कहां से मिली, जिसने मुझे इतने वर्षों तक आगे बढ़ने में मदद की। अब राम मंदिर पूरा होने वाला है और पूरी दुनिया इसके जनता के लिए खुलने का इंतजार कर रही है।'' दास ने कहा, “1992 की घटना एक दुर्लभ घटना थी। भगवान राम के आशीर्वाद से कठिन समय समाप्त हो गया और अब हम यहां हैं, कई पीढ़ियों के लिए जीवन में एक बार आने वाले इस क्षण का उल्‍लास मना रहे हैं।”

जनवरी के पहले हफ्ते में होगा रामलला की मूर्ति का चयन

राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए बनाई गई तीन मूर्तियों में से रामलला की मूर्ति का चयन जनवरी के पहले सप्ताह में राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यों द्वारा किया जाएगा। इस कार्यक्रम में काशी विश्‍वनाथ और वैष्णोदेवी मंदिरों के प्रमुखों सहित लगभग 4,000 संतों को आमंत्रित किया गया है। इस समय विभिन्न कार्यों को पूरा करने के लिए 4,000 से अधिक लोग अलग-अलग शिफ्ट में साइट पर काम कर रहे हैं और इनमें से 400 श्रमिकों को अभिषेक समारोह में आमंत्रित किया जाएगा।

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