राज्यसभा चुनाव: यूपी में वैसे तो बीजेपी को मिली बड़ी जीत, सपा को मिले हैं बंपर वोट, जानिए
लोकसभा चुनाव से पहले राज्यसभा चुनाव में कड़ी टक्कर देखने को मिली है। हिमाचल और यूपी में जहां बीजेपी ने जीत दर्ज की है तो वहीं कर्नाटक में कांग्रेस के प्रत्याशी जीते हैं। यूपी में वैसे तो बीजेपी जीती है लेकिन सपा के प्रत्याशी को बंपर वोट मिले हैं।
लोकसभा चुनाव से पहले राज्यसभा चुनाव में तीन राज्यों में चुनावी घमासान देखने को मिला। उत्तर प्रदेश और हिमाचल में जहां भाजपा के उम्मीदवारों को जीत मिली है तो वहीं कर्नाटक में कांग्रेस के प्रत्याशी ने जीत दर्ज की है। सबसे रोचक मुकाबला यूपी में देखने को मिला। प्रदेश की 10 राज्यसभा सीटों के लिए हुए चुनाव के नतीजों में बीजेपी के सभी आठ उम्मीदवारों की जीत हुई तो वहीं समाजवादी पार्टी के दो उम्मीदवार ही जीते हैं। वैसे तो भाजपा के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है लेकिन इस चुनाव में सपा उम्मीदवार जया बच्चन को सबसे अधिक 41 वोट मिले हैं। सपा के दूसरे उम्मीदवार रामजी लाल सुमन को भी 40 वोट मिले। पार्टी के तीसरे उम्मीदवार आलोक रंजन को मात्र19 वोट ही मिले और वे हार गए।
समाजवादी पार्टी के सात विधायकों ने क्रॉस वोट करके बीजेपी के सभी उम्मीदवारों को जीत दिला दी तो वहीं बसपा के विधायक ने भी बीजेपी को ही अपना वोट दिया। सबसे बड़ी बात ये रही कि समाजवादी पार्टी की विधायक महाराजी प्रजापति वोट ही डालने नहीं आई थी।
सपा के 7 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की जिसके वजह से बीजेपी का आठवें उम्मीदवार संजय सेठ जीते।
किसे मिले कितने वोट?
सुधांशु त्रिवेदी (बीजेपी) को मिले 38 वोट
आरपीएन सिंह (बीजेपी) को मिले 37 वोट
तेजवीर सिंह (बीजेपी) को मिले 38 वोट
नवीन जैन (बीजेपी) को मिले 38 वोट
साधना सिंह (बीजेपी) को मिले 38 वोट
संगीता बलवंत (बीजेपी) को मिले 38 वोट
अमरपाल मौर्य (बीजेपी) को मिले 38 वोट
रामजी लाल (समाजवादी पार्टी) को मिले 40 वोट
जया बच्चन (समाजवादी पार्टी)- को मिले 41
आलोक रंजन (समाजवादी पार्टी) को मिले 19 वोट
क्रॉस वोट करने वाले सपा के 7 विधायक
1. राकेश पाण्डेय
2. अभय सिंह
3. राकेश प्रताप सिंह
4. मनोज पाण्डेय
5. विनोद चतुर्वेदी
6. पूजा पाल
7. आशुतोष मौर्य
योगी का मास्टर प्लान कर गया काम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मास्टर प्लान की वजह से समाजवादी पार्टी के 7 विधायक ने क्रॉस वोटिंग की और संजय सेठ को जीत हासिल हुई। पिछले कई दिनों से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सपा विधायको को अपने पाले में लाने के लिए रणनीति बना रहे थे। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी सरकार के नंबर 2 के क़द वाले मंत्री को भी ज़िम्मेदारी थी। सुरेश खन्ना, वित्त मंत्री लगातार इन विधायकों के संपर्क में थे और इनसे बात कर रहे थे।
विधायक मनोज पांडेय, अभय सिंह, राकेश सिंह, पूजा पाल, राकेश पांडेय अखिलेश यादव कैम्प में असहज महसूस कर रहे थे। अयोध्या में भगवान राम के दरबार में जाना चाहते थे सभी 9 विधायक लेकिन अखिलेश यादव की नीतियों ने इन्हें रोका। जब विधानसभा अध्यक्ष सतीश महना के निमंत्रण पर सभी विधायक को राम दरबार में जाने का न्योता मिला। उसी दौरान ख़ुद सीएम योगी और सतीश महाना से इन सातो विधायकों ने अयोध्या में राम दरबार जाने की बात कही थी लेकिन ये भी कहा था कि सपा की नीतियों की वजह से नहीं जा रहे है। यहीं से सीएम योगी ने तैयार किया मास्टर प्लान।