हाथरस के पीड़ितों से मिलने हाथरस जाएंगे राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल बोले- यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना
राहुल गांधी हाथरस जाने वाले हैं। इस दौरान वे हाथरस में हुए भगदड़ में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों से मुलाकात करेंगे। इसे लेकर केसी वेणुगोपाल ने कहा कि यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण थी। इसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है।
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी हाथरस जाकर भगदड़ में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों से मुलाकात करेंगे। यह जानकारी पार्टी के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल ने दी है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी खुद हाथरस जाकर भगदड़ में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना देंगे। वेणुगोपाल ने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना थी, जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। अब लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने घटनास्थल पर जाकर पीड़ितों के परिजनों से मुलाकात करने की योजना बनाई है।“
सीएम योगी आदित्यनाथ ने दिया आश्वासन
इससे पहले, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ घटनास्थल पर गए थे। उन्होंने पीड़ितों और जान गंवाने वाले परिजनों से भी मुलाकात की थी और उन्हें आश्वासन दिया था कि इस हादसे के जिम्मेदार व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी। इसके अलावा, सीएम योगी की ओर से भगदड़ में जान गंवाने वाले परिजनों को दो लाख रुपए और घायलों को 50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया गया है। वहीं, उन्होंने इस हादसे के संबंध में अधिकारियों को फौरन तलब कर उच्चस्तरीय जांच के निर्देश दिए और दो टूक कहा कि जांच में किसी भी प्रकार की कोताही ना बरती जाए।
क्यों हुआ हादसा?
ध्यान दें, बाबा भोलेनाथ को ऐसे विशाल कार्यक्रम के आयोजन की मंजूरी प्रशासन की ओर से मिली थी, लेकिन बताया जा रहा है कि वहां श्रद्धालुओं के बैठने की उचित व्यवस्था नहीं थी, जिसकी वजह से यह हादसा हुआ। इस संबंध में बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद सीएम योगी आदित्यनाथ से फोन पर बात कर लापरवाही बरतने वाले लोगों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए थे। बाबा भोलेनाथ के कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए प्रदेश सरकार की ओर से 40 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था, लेकिन कार्यक्रम में 50 हजार से भी अधिक लोग शामिल हुए। इतनी बड़ी संख्या के लिहाज से महज 40 पुलिसकर्मियों की टोली अपर्याप्त थी।
पुलिस कॉन्स्टेबल ने कही ये बात
वहीं, मौके पर तैनात यूपी पुलिस की कांस्टेबल शीला मौर्य ने बताया, “मुझे मंच पर तैनात किया गया था। कार्यक्रम समाप्त होने के बाद लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे। एक-दूसरे को धक्का देने लगे। इस दौरान मैंने कई महिलाओं की मदद की। मुझे भी चोटें आईं। उधर, हादसे के बाद बाबा भोलेनाथ ने अपने वकील के जरिए बयान जारी कर कहा, “हम मृतकों के परिजनों की प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं। कार्यक्रम संपन्न होने के बाद मैं वहां से रवाना हो गया था। किसी असामाजिक तत्वों के लोगों ने यह भगदड़ मचाई है, जिनके खिलाफ मैं आगामी दिनों में कानूनी कार्रवाई करूंगा।”
घटना में 123 लोगों की हुई मौत
बता दें कि इस भगदड़ में 123 लोग अब तक अपनी जान गंवा चुके हैं। जिसके बाद से बाबा फरार है। यूपी पुलिस ने बाबा की तलाश के लिए कार्रवाई तेज कर दी है। अब तक कई जिलों में छापेमारी की कार्रवाई की जारी है। पुलिस ने अब तक इस संबंध में 30 सेवादारों को हिरासत में लिया है, जिनसे पूछताछ जारी है। इस हादसे पर सपा नेता रामगोपाल यादव ने कहा है कि सरकार को इस संबंध में तय करना चाहिए कि इस तरह के कार्यक्रम में कितने लोगों को शामिल किया जाना चाहिए। सुरक्षा के क्या इंतजाम होने चाहिए, लेकिन अफसोस इन सभी मानकों की अनदेखी की गई, जिसकी वजह से यह भयावह हादसा घटा।
(इनपुट-आईएएनएस)