माफियाओं पर नकेल कसने और अवैध कब्जे छुड़ाने के लिए चलेगा 'ऑपरेशन जिराफ', प्रयागराज पुलिस ने बनाई IPS की टीमें
प्रयागराज पुलिस अब शहर में माफियाओं पर नकेल कसने और उनके द्वारा कब्जाई हुई अवैध संपत्तियों को छुड़ाने के लिए मिशन मोड में काम कर रही है। प्रयागराज पुलिस इसके लिए ऑपरेशन जिराफ शुरू कर चुकी है।
माफियाओं के कब्जे से ज़मीनों पर अवैध कब्जे को छुड़वाने के लिए प्रयागराज पुलिस ऑपरेशन जिराफ शुरू कर चुकी है। पुलिस आयुक्त ने इसके लिए IPS की टीमों का गठन किया है माफियाओं के अवैध कब्जे का पता लगा कर उसको कब्ज़ा मुक्त कराएंगी, इसके अलावा उन शूटरों और गैंगस्टर का पता लगाएंगी जो माफियाओं के इशारों पर किसी भी वारदात को अंजाम देते हैं। ऑपरेशन जिराफ की 3 टीमों का गठन किया गया है, जिसमें एक टीम गंगा नगर में काम करेगी, दूसरी टीम यमुना नगर में जबकि तीसरी टीम शहर में काम करेगी। ऑपरेशन जिराफ की टीम का नेतृत्व तीनों ज़ोन के डीसीपी कर रहे हैं।
ऑपरेशन जिराफ क्यों दिया नाम?
पुलिस ने माफियाओं से अवैध कब्जा छुड़वाने और गैंगस्टरों को पकड़ने के लिए ऑपरेशन जिराफ़ नाम क्यों दिया इसके पीछे की वजह भी काफी दिलचस्प है। दरअसल, 1 नॉर्मल जिराफ की ऊंचाई अधिकतम 18 फीट की होती है। ऊंची गर्दन होने की वजह से जिराफ अपने आस पास की चीज़ों को आसानी से देख सकता है। एक जिराफ की गर्दन की लंबाई औसतन 6 फीट होती है जिससे वो दूर तक ऊंचाई का फायदा उठाकर देख सकता है। प्रयागराज पुलिस भी जिराफ के लम्बी गर्दन की तरह माफियाओं और गैंगस्टरों पर नज़र रखेगी और साक्ष्य मिलने पर उनको दबोच लेगी।
माफिया अतीक की कई बेनामी प्रॉपर्टी चिन्हित
पुलिस सूत्रों के मुताबिक ऑपरेशन जिराफ पूरी तरह से शुरू हो चुका है और इसी ऑपरेशन के तहत माफिया अतीक की कई बेनामी प्रॉपर्टी भी चिन्हित की गई है। जिसमें सबसे खास रेलवे स्टेशन के पास करोड़ो का बंगाल होटल है, जिसमें दो हिस्सा अतीक के कब्जे में है जबकि दो किसी अन्य के हिस्से में है। उसी के बगल में मिनहाज़पुर में अतीक की पत्नी शाईस्ता परवीन के नाम पर 200 गज का प्लॉट भी है, जिसे कुर्क करने की तैयारियां चल रही हैं। इन प्रॉपर्टीज को चिन्हित भी ऑपरेशन जिराफ की टीम द्वारा किया गया है। अतीक की इन संम्पत्तियों का पता भी शहर में जिराफ टीम का नेतृत्व कर रहे आईपीएस दीपक भूकर ने लगाया है। इस प्रॉपर्टी पर अतीक अपना बंगला बनवाना चाहता था।
अतीक के IS 227 गैंग की बढ़ी मुश्किलें
ऑपरेशन जिराफ के शुरू होने से अतीक के IS 227 गैंग के सदस्यों को सबसे ज़्यादा परेशानी होने वाली है। अतीक की अब तक 1200 करोड़ की प्रॉपर्टीज को कुर्क किया जा चुका है, जबकि 500 करोड़ की प्रॉपर्टी अतीक के गुर्गो की जप्त की गई है। ऑपरेशन जिराफ के तहत IS 227 गैंग के सदस्यों की प्रॉपर्टीज की पुलिस टीम स्कूटनी भी करेगी ताकि अतीक या उसके करीबी बिल्डरों ने जो गरीबों के नाम पर ज़मीन खरीदी है, उसका पता किया जा सके।
चाय और पान बेचने वालों के नाम पर करोड़ों की संपत्ति
दरअसल, ऑपरेशन जिराफ की टीम को अपने सोर्स से ये पता चला है कि अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ सहित तमाम गुर्गो ने चाय और पान बेचने वालों के नाम पर करोड़ों की संपत्ति खरीदी थी। ऑपरेशन जिराफ की टीम प्रयागराज के धूमन गंज, पुरामुफ्ती के हटवा, कौशाम्बी के चायल, एयरपोर्ट रोड के आस पास खरीदी गई ऐसी संम्पत्तियों का पता लगाने में जुटी है। ऑपरेशन जिराफ के तहत पुलिस टीम ऐसे लोगों पर भी शिकंजा कसेगी जो पहले तो माफिया अतीक और अशरफ के साथ मिल कर ज़मीनों का धंधा करते थे, लेकिन सूबे में योगी सरकार के आने के बाद वही लोग अतीक और अशरफ पर मुकदमा दर्ज कराकर अतीक के विरोधी होने का तमगा लगाए घूम रहे हैं।
अतीक गैंग के पूर्व सदस्य भी रैडार पर
ऑपरेशन जिराफ की टीमों ने ये पता लगा लिया है कि ऐसे लोग पहले की तरह ज़मीनों का काम कर रहे हैं और गरीब किसानों सेप अने मुताबिक रकम लेकर उसकी जमीन अपने नाम करा रहे हैं। पुलिस ने अतीक गैंग से अलग हुए सदस्यों की भी सूची बना ली है। अब जल्द ही ऑपरेशन जिराफ की टीम इन लोगों पर कार्यवाही करेगी।
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