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Hindi News उत्तर प्रदेश दादरी पुलिस के हाथ लगी बड़ी कामयाबी, लोन दिलाने के नाम पर करोड़ों का हेर-फेर करने वाले गैंग का किया खुलासा

दादरी पुलिस के हाथ लगी बड़ी कामयाबी, लोन दिलाने के नाम पर करोड़ों का हेर-फेर करने वाले गैंग का किया खुलासा

गौतमबुद्धनगर की दादरी पुलिस ने फर्जी तरीके से लोन दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाली गैंग का खुलासा किया है। पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया है।

पुलिस ने दो आरोपियों को किया गिरफ्तार।- India TV Hindi Image Source : INDIA TV पुलिस ने दो आरोपियों को किया गिरफ्तार।

गौतमबुद्धनगर: जिले की थाना दादरी पुलिस ने फर्जी तरीके से क्रेडिट कार्ड और लोन कराने वाले गैंग के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। दरअसल, थाना दादरी पुलिस ने फर्जी तरीके से क्रेडिट कार्ड व लोन कराने वाले आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की है। पुलिस ने 16 अक्टूबर को दो शातिर आरोपियों को गिरफ्तार किया है। दोनों की पहचान गोविन्द सिंह पुत्र हितेन्द्र सिंह और विशाल चन्द्र सुमन पुत्र श्री सुमन कुमार के रूप में हुई है। दोनों आरोपियों को आरवी नौर्थलैण्ड फ्लाईओवर पार करके सीएनजी पम्प से करीब 100 मीटर पहले से गिरफ्तार किया गया। 

कई लोगों का है पूरा गैंग

पुलिस ने जब पूछताछ की तो आरोपियों ने बताया कि 07 अक्टूबर को उनके साथी मृतक अमित कुमार सिंह का मर्डर हो गया था। इसके बाद उन्होंने बताया कि इनकी पूरी एक गैंग थी, जिसमें इनके अलााव रामानन्द शर्मा उर्फ रमेश झा, सचिन तंवर उर्फ संदीप, अनुज यादव उर्फ करन, हिमांशु, ओमप्रकाश उर्फ शिवम उर्फ बैलू, मृतक अमित कुमार सिंह शामिल थे। ये सभी लोग फर्जी तरीके से लोन दिलाने का काम करते थे। उन्होंने बताया कि ये आधार कार्ड में रेन्ट एग्रीमेन्ट के आधार पर फर्जी तरीके से नाम, पता एवं मोबाइल नंबर बदलवाकर मृतक अमित कुमार सिंह की कम्पनी मैफर्स फैशन प्रा0 लि0 की पे स्लिप के आधार पर बैक में खाता खुलवाते थे। इसके बाद उसमें 6 से 9 महीने तक सैलरी के नाम पर एक मोटी रकम ट्रान्सफर की जाती थी। 

फर्जी तरीके से खुलवाते थे खाता

जिस व्यक्ति के नाम पर ये लोग लोग लोन कराते थे, उसके नाम पर एक नया मोबाइल व सिम भी खरीदते थे जो बैंक मे अपडेट कराया जाता था। मोबाइल और सिम भी इन्हीं लोगों के पास रहता था। इसके बाद सिबिल स्कोर बढाकर पे स्लिप के आधार पर 40-50 लाख का लोन व 2-3 लाख रूपये की लिमिट का क्रेडिट कार्ड जारी कराते थे। इसके बाद ये लोग क्रेडिट कार्ड और बैंक खाते में आये लोन के रूपयों का एक्सेस खुद रखते थे। जिस व्यक्ति के नाम पर क्रेडिट कार्ड और लोन जारी होता था, उसे सिर्फ 40-50 हजार रुपये और किसी-किसी को 1 लाख रूपये तक भी देते थे। बचे हुए रुपये ये अपने पास रख लेते थे।

ईएमआई के लिए देते थे फर्जी एड्रेस

लोन या क्रेडिट कार्ड की 2-3 ईएमआई जमा करते थे, उसके बाद एड्रेस चेंज कर देते थे। दो तीन महीन बाद जब ईएमआई जमा नहीं होती थी तो बैंक वाले जब दिए गये पते पर सम्पर्क करते थे तो एड्रेस फर्जी होने के कारण वहां पर उन्हे कोई नहीं मिलता था। मोबाइल नंबर पर भी सम्पर्क नही होता था। लोन कराने पर जो रूपये बचते थे, उसे मृतक अमित कुमार सिंह बांटकर देता था। एक व्यक्ति का लोन पास होने पर कमीशन के नाम पर लगभग 4 से 5 लाख रूपये मिलते थे।

पुलिस ने जब्त किए 206 डेबिट/क्रेडिट कार्ड

इन आरोपियों के पास से पुलिस ने 206 डेबिट/क्रेडिट कार्ड, अलग-अलग बैंकों के 58 पासबुक, 40 आधार कार्ड, 40 पैन कार्ड, 70 चैक बुक, 35 प्लास्टिक के फोल्डर किट, 06 पेटीएम स्वाइप मशीन, 32 मोबाइल और एक कार को जब्त किया है।

आरोपियों को गिरफ्तार करने वाली टीम

घटना का खुलासा करने और आरोपियों को गिरफ्तार करने वाले अधिकारियों में सुजीत कुमार उपाध्याय थानाध्यक्ष थाना दादरी कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर, वरिष्ठ उप निरीक्षक दीनानाथ यादव, उप निरीक्षक रितेश कुमार, उप निरीक्षक कपिल कुमार, उप निरीक्षक गौरव पंवार, हेड कॉन्स्टेबल सोहनवीर सिंह, कॉन्स्टेबल आकाश कुमार, कॉन्स्टेबल मोहित कुमार, कॉन्स्टेबल नरेन्द्र कुमार और कॉन्स्टेबल अभिषेक कुमार शामिल थे।

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