नई दिल्लीः यूपी विधानसभा सत्र की शुरुआत से ही राज्य में सियासत का पारा चढ़ गया है। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार को कानून और सुरक्षा व्यवस्था से लेकर विकास और रोजगार के मामले पर कठघरे में खड़ा किया है। बातों ही बातों में राजनीति के पिच पर बैटिंग करने उतरे सपा नेता ने सीएम योगी को मुकाबले के लिए क्रिकेट मैच खेलने की न सिर्फ चुनौती दी, बल्कि उन्होंने यह भी कहा कि वह योगी की हर बॉल पर छक्का मार कर दिखाएंगे।
सपा प्रमुख ने कहा कि भाजपा सरकार ने छह वर्षों में कोई नया स्टेडियम नहीं बनाया है। जब उन्हें शपथ लेनी हो तो भी वह सपा के बनाए स्टेडियम में जाते हैं, ओलंपिक खिलाड़ियों को सम्मान देने की बात हो तो भी वहीं जाते हैं। हाथ हिलाकर मैच देखने चले गए तो जनता को लगा कि स्टेडियम उनका ही बनाया है। आगे अखिलेश ने कहा कि वह (योगी) हमसे मैच खेलने आएं स्टेडियम में, मैं उनकी हर बॉल पर छक्का मारूंगा। अखिलेश के इस अजीबोगरीब चैलेंज ने यूपी की राजनीति में सरगर्मी पैदा कर दी है। वह यहीं नहीं रुके। उन्होंने बेरोजगारी से लेकर विकास और महिलाओं की सुरक्षा व कानून व्यवस्था के मामले में भी भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला।
नेहा सिंह राठौर और कानपुर कांड पर किया घेराव
अखिलेश यादव ने लोक गायिका नेहा सिंह राठौर को पुलिस द्वारा नोटिस भेजने के सवाल पर कहा कि यह सरकार किसी को भी अपने खिलाफ बोलते नहीं सुन सकती। जिस सरकार में जाति देखकर अधिकारियों की पोस्टिंग की जाती हो और जहां कानपुर में पुलिस-प्रशासन की आंखों के सामने एक मां-बेटी को जिंदा जला दिया जाता हो, उससे आप उम्मीद भी क्या कर सकते हैं। ये लोकगायिका को नोटिस देंगे। यही काम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जीरो टोलरेंस की बात करने वालों को अधिकारियों पर कार्रवाई करने से कौन रोक रहा है?
सपा नेता ने कहा कि जिस प्रशासन के ऊपर कानून-व्यवस्ता को बनाए रखने की जिम्मेदारी थी। कानपुर में वह बुलडोजर चलाकर भाग खड़ा हुआ। एक मां-बेटी को जिंदा जला दिया गया। उन्होंने कहा कि बुलडोजर के दिमाग नहीं होता, यह फैसला किसने लिया। उन्होंने कहा कि इसी तरह से कन्नौज में एक मुस्लिम से मंदिर में मांस रखवाया गया, जो कि भाजपा का ही कार्यकर्ता था। रायबरेली में दलित की पिटाई, जौनपुर में सभासद की गोली मारकर हत्या...क्या ये जीरो टोलरेंस है? जातिगत जनगणना पर कहा कि यूपी की जनता चाहती है कि इसे होना चाहिए तो सरकार को इस दिशा में कदम उठाना चाहिए।
यह भी पढ़ें...
UP Accident यूपी के शामली में दर्दनाक सड़क हादसा, खड़े ट्रक से टकराई कार, 3 की मौत
यूपी में 16 आईपीएस अधिकारियों का ट्रांसफर, जानें कौन किधर गया, देखें पूरी लिस्ट