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Hindi News उत्तर प्रदेश बहराइच में सैयद सालार गाज़ी मेला विवाद में कूदे मंत्री ओपी राजभर, विरोधियों को दी इतिहास पढ़ने की सलाह

बहराइच में सैयद सालार गाज़ी मेला विवाद में कूदे मंत्री ओपी राजभर, विरोधियों को दी इतिहास पढ़ने की सलाह

ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि बहराइच में गाजी मियां का मेला लगने की जगह महाराजा सुहेलदेव का मेला लगना चाहिए। मंत्री ने इस मुद्दे पर बयान देने वाले विरोधियों पर जमकर निशाना साधा।

ओमप्रकाश राजभर- India TV Hindi Image Source : SOCIAL MEDIA ओमप्रकाश राजभर की फाइल फोटो

गाज़ीपुरः यूपी की योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने कहा है कि बहराइच में सैयद सालार गाज़ी की जगह महाराजा सुहेलदेव का मेला लगना चाहिए। राजभर ने अपने चिर परिचित अंदाज में कहा कि सैयद मसूद गाजी काबुल से भारत को लूटने चला था, यहां के मंदिरों और मठों को लूटने आया था और इस दौरान कुल 585 राजाओं ने उसका सामना किया था, उसमें कई राजा मारे गए, लेकिन जब उसका सामना बहराइच के नानपारा मैदान में महाराजा सुहेलदेव जी से हुआ तो 21 वें दिन वो मारा गया था।

सैयद सालार गाज़ी कोई संत-महात्मा नहीं थाः राजभर

ओपी राजभर ने कहा कि महाभारत तो 11 दिन में खत्म हो गया था। ये युद्ध कुल 21 दिनों तक हुआ था और 21वें दिन सैयद मसूद गाजी मारा गया था। वह कोई संत महात्मा नहीं था और उसके उर्स और उसके मेले की जो लोग बात करते हैं उन लोगों को उसका इतिहास पढ़ लेना चाहिए। 

महाराजा सुहेलदेव का मेला लगे

महाराजा सुहेलदेव की बारे में बात करते उन्होंने कहा कि मैंने दुनिया को बताया कि महाराजा सुहेलदेव कितने महान थे। सांसद बर्क जहां गाजी मियां का मेला लगाने की बात कर रहे हैं, वहां महाराजा सुहेलदेव जी की याद में मेला लगना चाहिए। ये मामला ग्यारहवीं शताब्दी का है। महाराजा सुहेलदेव जी का जन्म 1009 में हुआ था। 1027 में वो राजा बने। 10 जून 1034 में युद्ध में जब वो (गाजी) भागा तो महाराजा सुहेलदेव ने उसे नदी किनारे मारा। वहीं उसकी आज भी मजार बनी हुई है।

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राजभर ने विरोधियों पर साधा निशाना

बरेली के मौलाना शाहबाज रिजवी के बयान पर ओपी राजभर ने कहा कि उन्हें अपनी कौम के पिछड़ेपन, अशिक्षा पर ध्यान देना चाहिए। कांग्रेस, बसपा और सपा के पीछे ये लोग घूमते हैं। कभी उनको ये कह कर देख लें। उन्होंने कहा ऐसे मौलाना मोहम्मद साहब को बस जानते हैं, मानते नहीं हैं। अगर मानते तो ऐसी बात नहीं करते। अब्बास अंसारी की रिहाई पर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि सर्वोच्च न्यायालय का फैसला है। सबको मानना चाहिए।

रिपोर्ट- शशिकांत तिवारी, गाजीपुर