यूपी में हलाल सर्टिफिकेशन करने वाली 9 कंपनियों को नोटिस, 7 दिन के अंदर देना होगा जवाब
उत्तर प्रदेश STF के बुलावे के बाद इन सभी कंपनियों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं क्योंकि लखनऊ पुलिस पहले ही मामले की FIR दर्ज कर चुकी है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स ने हलाल सर्टिफिकेशन करने वाली कुल 9 कंपनियों को धारा 91 CrPC का नोटिस भेजा है। इन सभी कंपनियों के नुमाइंदों को 7 दिन के अंदर जवाब देने के साथ STF कार्यलय में बुलाया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, STF कंपनी के ज़िम्मेदार लोगों से पूछताछ करेगी और डॉक्युमेंट्स भी वेरिफाई किए जाएंगे। अब इन सभी कंपनियों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं क्योंकि लखनऊ पुलिस पहले ही मामले की FIR दर्ज कर चुकी है। सीएम योगी के निर्देश के बाद जांच यूपी एसटीएफ को सौंपी गई है। एसटीएफ ने कुल 11 बिंदुओं पर जानकारी मांगी है।
कंपनियों से पूछे जा सकते हैं ये सवाल
रिपोर्ट्स के मुताबिक, STF कंपनियों के नुमाइंदों से कई जरूरी सवाल पूछ सकती है। उनसे पूछा जा सकता है कि: हलाल का सर्टिफिकेट किन उत्पादों पर जारी किया? यह सर्टिफिकेट किन कंपनियों को दिया गया? हलाल से जुड़े सर्टिफिकेट जारी करने का अधिकार किसने दिया? किस लैब या विशेषज्ञ से परीक्षण करवाया गया? उत्पाद की टेस्टिंग का मानक क्या है? क्या शुल्क या किसी भी तरह का भुगतान लिया? शुल्क निर्धारण का मानक क्या है? कौन सी संस्थाएं ऐसा सर्टिफिकेट दे रही हैं? आप ये सर्टिफिकेशन का काम कबसे कर रहे हैं? अब तक कितना पैसा कमया, हर साल का विवरण दें।’
पिछले महीने लिया गया बड़ा एक्शन
बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने अवैध रूप से 'हलाल प्रमाणपत्र' जारी करने के खिलाफ निर्णायक कदम उठाते हुए पिछले महीने एक आदेश जारी कर हलाल सर्टिफिकेशन वाले खाद्य उत्पादों के उत्पादन, भंडारण, वितरण और बिक्री पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया। इससे पहले मुस्लिम ग्राहकों को हलाल प्रमाण पत्र उपलब्ध कराकर बिक्री बढ़ाने के लिए लोगों की धार्मिक भावनाओं के साथ कथित रूप से खिलवाड़ करने को लेकर एक कंपनी और कुछ अन्य संगठनों के खिलाफ पुलिस ने केस भी दर्ज किया था। लखनऊ के ऐशबाग में मोतीझील कॉलोनी के निवासी शैलेंद्र कुमार शर्मा की शिकायत पर हजरतगंज थाने में केस दर्ज हुआ था।
शिकायत में लगाए गए थे गंभीर आरोप
शिकायतकर्ता का आरोप था कि मजहब की आड़ लेकर एक वर्ग विशेष में अनर्गल प्रचार-प्रसार किया जा रहा है कि ऐसे उत्पाद का प्रयोग न करें जिसे इनकी कंपनी द्वारा हलाल प्रमाणपत्र न दिया गया हो। जिसके नतीजे में दूसरे समुदाय विशेष के व्यावसायिक हितों का नुकसान हो रहा है। इस प्रकार आम नागरिकों के लिये उपयोग होने वाली वस्तुओं पर भी हलाल सर्टिफिकेशन जारी कर अनुचित आर्थिक लाभ कमाने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है। शिकायतकर्ता ने उक्त लोगों द्वारा करोड़ों रुपये का अनुचित लाभ भी कमा कर उससे आतंकवादी संगठनों एवं राष्ट्र विरोधी गतिविधियों की ‘फन्डिंग’ किये जाने की आशंका भी जताई थी।