नोएडा में 10 हजार करोड़ का स्कैम! फर्जी जीएसटी नंबर और फर्म के जरिए सरकार को लगाया चूना
नोएडा में हजारों करोड़ों के स्कैम का मामला सामने आया है। यहां एक संगठित गिरोह द्वारा फर्जी जीएसटी नंबर और फर्म के जरिए कर में चोरी किया जा रहा था। पुलिस ने इस मामले का पर्दाफाश करते हुए कई लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
Noida Scam: उत्तर प्रदेश के नोएडा में करीब 10 हजार करोड़ रुपये के स्कैम का मामला प्रकाश में आया है। यहां कोतवाली पुलिस और साइबर सेल ने ज्वाइंट ऑपरेशन चलाकर एक ऐसे अंतरराज्यीय संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है। यह गिरोह फर्जी जीएसटी नंबर तैयार कर सरकार के राजस्व में हजारों-करोड़ों का चूना लगाने का काम करती है। साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने का काम कर रहा था। इस गिरोह के मास्टरमाइंड और उसकी पत्नी समेत 8 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। ये गिरोह दो टीमें बनाकर इस अपराध को अंजाम दे रहा थी।
नोएडा में 10 हजार करोड़ का स्कैम?
इस मामले में पुलिस ने मोहम्मद यासीन शेख, अश्वनी पांडे, अकाश सैनी, विशाल, राजीव, अतुल सेंगर, दीपक मुजमानी और श्रीमती वनिता को दिल्ली के मधुविहार इलाके से गिरफ्तार किया है। इन सभी पर आरोप है कि यह फर्जी फर्म जीएसटी नंबर तैयार कर बिना माल की डिलीवरी किए बिना ही बिल बनाते थे। फिर उस बिल के आधार पर जीएसटी रिफंड लेकर सरकार को हजारों करोड़ों का चूना लगा रहे थे। पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने बताया कि अपराधियों के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत साइबर सेल और थाना सेक्टर 20 की पुलिस ने ज्वाइंट ऑपरेशन चलाते हुए तकनीकी और मुखबिर की सूचना पर इन लोगों को गिरफ्तार किया है।
फर्जी जीएसटी नंबर के जरिए करोड़ों का गोलमाल
गौतमबुद्धनगर के पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने बताया कि यह गिरोह दो टीमें बनाकर सरकार के राजस्व में सेंधमारी कर रहे थे। पहली टीम को मास्टरमाइंड दीपक मुजमानी संचालित कर रहा था। उसका काम था फर्जी दस्तावेज, आधार कार्ड, पैन कार्ड, रेंट एग्रीमेंट, इलेक्ट्रिसिटी बिल आदि का उपयोग कर फर्जी फार्म जीएसटी नंबर तैयार करना और फर्जी फर्म को बेचने के लिए क्लाइंट का तलाश करना। फर्म को बेचने के लिए मोटी रकम वसूली जाती थी। इस फर्म में फर्जी पैन कार्ड लिंक होता है और उस पैन कार्ड से जीएसटी नंबर बनाए जाते हैं।
कैसे हो रहा था स्कैम
दूसरी टीम का संचालन गिरोह के मास्टरमाइंड दीपक मुजमानी की पत्नी विनीता कर करती थी। इस टीम का काम फर्जी फर्म जीएसटी नंबर सहित फर्म को पहली टीम से खरीदकर फर्जी बिल का उपयोग कर जीएसटी रिफंड प्राप्त कर सरकार को हजारों करोड़ का चुना लगाने का था। इसके अलावा विनीता जीएसटी रिफंड से होने वाली इनकम का लेखा-जोखा रखती थी और टीम के सदस्यों का कमीशन और खर्चे का भी प्रबंधन का कार्य करती थी। पुलिस ने इनके कब्जे से 12 लाख 66 हजार रुपये नकद, 2660 फर्जी तैयार की गई जीएसटी फॉर्म, 12 मोबाइल, 24 कंप्यूटर, 4 लैपटॉप, तीन हार्ड डिस्क, 118 फर्जी आधार कार्ड, 140 पैन कार्ड, बिलिंग कॉपी और तीन लग्जरी कार को बरामद किया है।
(रिपोर्ट- राहुल ठाकुर)