दादरी हत्याकांड के अभियुक्तों की पुलिस ने गिरफ्तारी, पूछताछ में आरोपियों ने बताया कैसे प्लान किया मर्डर
दादरी में हुए हत्याकांड में पुलिस के हाथ बड़ी सफलता मिली है। दरअसल पुलिस ने इस घटना में शामिल चारों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि पैसों के लेनदेन के चक्कर में उन्होंने हत्याकांड को अंजाम दिया था।
गौतमबुद्धनगर के दादरी में हुई हत्याकांड के तीन अभियुक्तों को दादरी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों के पास से 20 हजार रुपये व घटना में प्रयोग वैगनार और क्रेटा गाड़ी को भी पुलिस ने कब्जे में ले लिया है। दरअसल 7 अक्तूबर को हायर गोल चक्कर के पास पुलिस को अज्ञात शव के पड़े होने की सूचना मिली थी। घटना की सूचना मिलने के बाद फील्ड यूनिट और डॉग स्क्वाड की टीम के साथ पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। इस दौरान शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया। शव की शिनाख्त के लिए ग्रेटर नोएडा के डीसीपी ने 4 टीमों का गठन किया और सोशल मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, मोबाइल फोन व पैम्पलेट व सीसीटीवी के जरिए मृतक की पहचान की। मृतक की पहचान अमित कुमार सिंह के रूप में हुई जो बिसरख (गौतमबुद्धनगर) के एसीई सीटी के आई टावर के फ्लैट नंबर 12 में रहते थे।
पुलिस ने हत्यारों को किया गिरफ्तार
इस घटना के बाद मृतक की पत्नी मनीषा सिंह ने पुलिस को केस दर्ज कराते हुए कहा कि इस घटना के पीछे रमेश, सचिन तथा उनके साथियों का हाथ है। उन्होंने बताया कि इन लोगों ने मिलकर अमित की हत्या की है। इस मामले की की छानबीन के लिए तत्काल 4 टीमों का गठन किया गया। इसके बाद पुलिस ने करीब 200 सीसीटीवी पुटेज खंगाले तो दो गाड़ियों वैगनआर और क्रेटा पर टेम्प्रेरी नंबर पाया गया। दोनों ही कारों सो लोग उतरते दिखाई दिए। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर संदिग्धों की पहचान मृतक के साथ कंपनी में काम करने वालों के रूप में की गई। आरोपियों की पहचान सचिन तंवर, रमेश उर्फ रामा हिमांशु और ओमप्रकाश के रूप में की गई। बता दें कि 9 अक्तूबर को पुलिस की टीम ने हिमाशु,ओमप्रकाश, सचिन उर्फ संदीप को गिरफ्तार कर लिया। इनके पास से दो गाड़ियों औऱ 20 हजार रुपये कैश बरामद हुआ।
पैसों के चक्कर में हुआ मर्डर
घटना का कारण पूछे जाने पर आरोपियों ने बताया कि हम तीनों व हमारा चौथा साथी रमेश उर्फ रामा, अमित कुमार के साथ काम करते थे। हम सब मिलकर कमीशन का लालच देकर फर्जी ग्राहक बनाकर उनके आधार कार्ड लेकर आधार कार्ड में पता व मोबाइल नंबर बदलवाकर फर्जी पे स्लिप के आधार पर बैंक में खाता खुलवाकर बैंक से फर्जी लोन स्वीकृत करा लेते हैं। लोन पास होने पर उसका कमीशन हम सभी लोग आपस में बांट लेते हैं, लेकिन अमित कुमार के कई लोन के मामलों में हमारा हिस्सा नहीं दिया गया था। इस कारण हम तीनों ने अपने चौथे साथी रमेश उर्फ रामा के साथ मिलकर अमित को मारने का प्लान बनाया था।
पहचान छिपाने के लिए दूर फेंका शव
उन्होंने बताया कि 6 अक्तूबर को अमित कुमार को हमने हमारे हिस्से के रूपये देने के लिए केबी नोज ग्रीन सोसाइटी बिसरख के पास बुलवाया था। अमित कुमार इसी काले रंग की क्रेटा कार से आया था। हम चारों अपनी वेगनआर कार में उसका इंतजार कर रहे थे। अमित कुमार के आने पर हम चारों उसकी क्रेटा कार में बैठ गए। पैसे के लेन-देन को लेकर हम चारों का अमित कुमार से विवाद हुआ। हम तीनों ने अपने चौथे साथी रमेश उर्फ रामा के साथ मिलकर वहीं पर कार में ही लोहे के पंच व पाने से पीट-पीटकर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद शव की पहचान छइपाने के लिए उसके शव को उसके घर से दूर हायर कंपनी के पास फेंक दिया। अमित से जो 80 हजार रुपये मिले थे, उन्हें हमने आपस में बांट लिया था।