चुनाव में किए वादे अब भूल नहीं पाएंगे नेताजी, याद दिलाएगी ये अनोखी 'कुर्सी'
गोरखपुर के आईटीएम कॉलेज के छात्र ने एक ऐसी कुर्सी बनाई है, जो नेताओं के बैठते ही उनके वादों की याद दिलाता है। ये कुर्सी वादे पूरा नहीं होने पर नाराज जनता के प्रति भी आगाह करेगी।
चुनाव में जनप्रतिनिधियों द्वारा किए गए वादे को अब याद दिलाना आसान हो गया है। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के आईटीएम कॉलेज के कंप्यूटर साइंस के प्रथम वर्ष के स्टूडेंट अंशित श्रीवास्तव ने एक ऐसी एआई कुर्सी बनाई है, जो नेताओं के बैठते ही उनके वादों की याद दिलाता है। जनता के अधिक खफा होने पर कुर्सी नेताओं को उनकी नाराजगी के बारे में भी बताएगी। अंशित का कहना है कि भविष्य के प्रधानमंत्रियों और मुख्यमंत्रियों को ध्यान में रखकर बनाई गई इस 'AI कुर्सी' में और भी बहुत खूबियां हैं।
छात्र का कहना है कि यह कुर्सी नेताओं को न केवल जनता से किए वादे जैसे- रोजगार, शिक्षा, महिला, सड़क सुरक्षा, जल निकासी आदि समस्याओं की याद दिलाती है। इनके पूरा नहीं होने पर नाराज जनता के प्रति भी आगाह करेगी। यह कुर्सी सोशल मीडिया से जुड़ी होगी। उन्होंने बताया कि इस कुर्सी में लगे लाल और हरे रंग के लाइट इंडिकेटर के जरिए नेताओं के कार्यों का मूल्यांकन होगा। यह मूल्यांकन जनता खुद करेगी और उन्हें सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए 'गुड' या 'बैड' मार्क दे सकेगी।
लोकप्रियता का भी पता चलेगा
अंशित ने बताया कि कुर्सी पर सेंसर लगे हैं। उनके एक्टिवेट होने से प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री जैसे नेताओं को भी इंडिकेशन मिलने लगेगा। उन्हें कुर्सी से पता चलता रहेगा कि कितने लोग उनके कार्यों को पसंद कर रहे हैं और कितने नाराज हैं। लाखों की संख्या में लाइक होने पर एआई कुर्सी एक्टिवेट हो जाएगी। कुर्सी पर बैठने वाले को उसके काम की जानकारी व लोकप्रियता का भी पता चलेगा। समय-समय पर देशभक्ति गाने बजाने वाली यह कुर्सी भारी संख्या में जनता की नाराजगी का मूल्यांकन कर हिलने लगती है और नेताओं को जनता के नाराज होने का एहसास भी करवाती है।
15 दिनों में किया गया तैयार
संस्थान के निदेशक एनके सिंह ने कहा कि यह एआई कुर्सी भविष्य में तकनीक के जरिए और स्मार्ट होगी। देश का भविष्य तय कराने में इसका बहुत ही उपयोग होने वाला है। होनहारों ने महज 15 दिनों में 35 हजार रुपये खर्च कर इसे तैयार किया है। इसके निर्माण में एंड्राइड मोबाइल, लाल और हरा इंडिकेटर, पिंस केबल, फाइबर कुर्सी, पीसीबी बोर्ड, बैटरी इत्यादि का प्रयोग किया गया है। मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर के सेवानिवृत प्रोफेसर नरेंद्र सिंह ने बताया कि बच्चों ने बहुत अच्छी और आधुनिक कुर्सी का निर्माण किया है। यह एक नवाचार है। कुल मिलाकर यह जनप्रतिनिधियों की ड्यूटी को याद दिलाएगी। (IANS)
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