प्रयागराज: माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ अहमद के करीबी नफीस बिरयानी की मौत हो गई है। नफीस माफिया का फाइनेंसर भी बताया जाता था। इसे पिछले दिनों मुठभेड़ में गिरफ्तार किया गया था। जिसके बाद वह प्रयागराज की नैनी जेल में ही बंद था। उसे रविवार 17 दिसंबर की शाम को तबियत ख़राब होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। नफीस की मौत की वजह हार्ट अटैक बताई जा रही है।
बता दें कि नफीस उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी था और पुलिस ने उसपर 50 हजार का इनाम भी घोषित किया था। वह हत्याकांड के बाद से ही फरार था, जिसके बाद 22 नवंबर को एक मुठभेड़ के दौरान पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था। नफीस बिरयानी को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। इलके बाद उसे डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया था। करीब 24 घंटे जेल डॉक्टर के ऑब्जरवेशन के बाद कल शाम को उसे स्वरूप रानी अस्पताल के जेल वार्ड में ट्रांसफर कर दिया गया था, जहां उसकी मौत हो गई।
नफीस की ही कार से घटनास्थल पर पहुंचे थे शूटर
उमेश पाल हत्याकांड में जिस क्रेटा कार से अतीक का बेटा असद, शूटर अरबाज़ और साबिर आये थे। नफीस की वो कार अतीक के बेटे असद के पास ही रहती थी। हत्याकांड के बाद आरोपी कार को चकिया में छोड़ कर फरार हो गए थे। पुलिस ने जब कार जब्त की और नम्बर से इसके मालिक का पता लगाया तो इसमें मोहम्मद रुक्सार का नाम सामने आया। आगे की जांच में पुलिस को पता चला की हत्याकांड के कुछ महीने पहले नफ़ीस ने अपने रिश्तेदार रुक्सार को ये कार बेची थी।
24 फरवरी को हुई थी उमेश पाल की हत्या
उल्लेखनीय है कि प्रयागराज में विधायक राजू पाल की हत्या के मामले में मुख्य गवाह उमेश पाल और उसके दो सुरक्षा कर्मियों की दिनदहाड़े गोली मारकर 24 फरवरी को हत्या कर दी गई थी। उमेश पाल, बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड का मुख्य गवाह था। वर्ष 2005 में बीएसपी विधायक राजू पाल की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में नामजद मुख्य आरोपियों में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ थे। इन दोनों की 15 अप्रैल, 2023 को चिकित्सा जांच के लिए ले जाते समय काल्विन अस्पताल में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।