यूपी के मुरादाबाद से एक हैरान करने वाली खबर आई है। यहां जब एक पुलिस कॉन्स्टेबल रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया तो उसने पांच-पांच सौ के नोट झाड़ियों में फेंक दिए। हालांकि इसके बावजूद वो बच नहीं सका क्योंकि एंटी करप्शन टीम ने पुलिस कॉन्स्टेबल और नोट दोनों बरामद कर लिए। मामले में लिप्त दारोगा रवि प्रकाश थाने से फरार हो गए। उनकी तलाश की जा रही है।
15 हजार की रिश्वत लेते सिपाही रंगे हाथ गिरफ्तार
दरअसल, कौशल किशोर नाम के इस सिपाही को इसके सीनियर यानी दारोगा रवि प्रकाश ने रिश्वत कलेक्ट करने के लिए भेजा था। मारपीट के मुकदमे में नाम निकलवाने के एवज में विवेचक रवि प्रकाश ने 40 हजार रुपये की मांग की। फिर सिपाही कौशल कुमार के जरिये वसूली शुरू हुई। पांच हजार रुपये की पहली किस्त वसूल ली गई। 15 हजार की दूसरी किस्त लेते आरोपी सिपाही थाने के गेट से पकड़ लिया गया।
रिश्वत के लिए आरोपी सिपाही ने पीड़ित को इस कदर परेशान कर दिया था कि उसे ब्याज पर रुपये लेने पड़े। ब्याज पर रुपये उसे तब लेने पड़े जब पहले ही वह भाई के उपचार को लेकर परेशान चल रहा था। दारोगा रवि प्रकाश ने सिपाही कौशल किशोर को रिश्वत के 15 हजार रुपये लेने भेजा था। पीड़ित का आरोप है कि मुकदमा झूठा और निराधार लिखा गया था। कॉन्स्टेबल कौशल किशोर जब पंद्रह हजार रुपये की रिश्वत लेने गया तो एंटी करप्शन यूनिट ने उन्हें पकड़ लिया। उसने भागने की कोशिश की और नोट झाड़ियों में फेंक दिए।
दारोगा ने पैसों के लिए कई बार किया था फोन
पीड़ित ने बताया कि मुकदमा दर्ज होने के बाद दरोगा रवि प्रकाश ने उसके पास कई बार पैसों के लिए फोन किया था। पीड़ित पैसे का इंतजाम करने की बात कहकर टालता रहा। 19 सितंबर को पीड़ित एंटी करप्शन टीम से मिले और उन्हें घटना की जानकारी दी। इसके बाद टीम ने फील्डिंग लगाना शुरू कर दी। सोमवार सुबह करीब 10 बजे दरोगा रवि प्रकाश ने पीड़ित को फोन करके पैसे लेकर थाने आने के लिए कहा था। टीम ने योजनाबद्ध तरीके से सिपाही कौशल को रंगेहाथ दबोच लिया। पीड़ित की गतिविधियों पर संदेह होने पर दरोगा रवि प्रकाश थाने फरार हो गया।
आरोपी 2011 बैच का सिपाही है और मेरठ का रहने वाला है। टीम सिपाही को पकड़कर अपने साथ ले गई। फिलहाल दरोगा की तलाश की जा रही है।