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Hindi News उत्तर प्रदेश 'सालों तक सत्ता में रहे, तब राहुल गांधी ने क्यों नहीं कराई जातीय जनगणना,' SP-कांग्रेस से गठबंधन पर क्या बोलीं मायावती?

'सालों तक सत्ता में रहे, तब राहुल गांधी ने क्यों नहीं कराई जातीय जनगणना,' SP-कांग्रेस से गठबंधन पर क्या बोलीं मायावती?

बसपा सुप्रीमो मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर राहुल गांधी को निशाने पर लेते हुए सवालों की झड़ी लगाई है। मायावती ने राहुल गांधी के साथ ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर भी निशाना साधा है।

बसपा सुप्रीमो मायावती और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO बसपा सुप्रीमो मायावती और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी

देश में जातीय जनगणना को लेकर सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस जैसी मुख्य विपक्षी पार्टी ने जातीय जनगणना करने की मांग उठाई है। वहीं, बसपा सुप्रीमो मायावती ने जातीय जनगणना की मांग और संविधान सम्मान समारोह को लेकर कांग्रेस की दोगली सोच बताया है। 

चाल और चरित्र से रहें सावधान

मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर कांग्रेस के खिलाफ कई बातें लिखी हैं। इसमें मायावती ने कहा, 'इतने सालों तक आप सत्ता में रहे, तब जातीय जनगणना क्यों नहीं कराई है।' साथ ही मायावती ने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि चाल और चरित्र से सावधान रहें।

भीमराव अंबेडकर को नहीं दिया भारत रत्न

मायावती ने एक्स पर कहा कि शनिवार को प्रयागराज में संविधान सम्मान समारोह करने वाली कांग्रेस पार्टी को बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर के अनुयायी कभी माफ नहीं करेंगे, जिसने संविधान के मुख्य निर्माता बाबा साहेब को उनके जीते-जी व देहान्त के बाद भी भारतरत्न की उपाधि से सम्मानित नहीं किया।

कांशीराम के देहांत पर नहीं घोषित किया राष्ट्रीय शोक

अब बाबा साहेब की मूवमेन्ट को गति देने वाले कांशीराम का देहान्त होने पर इसी कांग्रेस ने केन्द्र में अपनी सरकार के रहते इनके सम्मान में एक दिन का भी राष्ट्रीय शोक तथा सपा सरकार ने भी राजकीय शोक घोषित नहीं किया। इनकी ऐसी दोगली सोच, चाल, चरित्र से जरूर सजग रहें।

क्यों नहीं कराई जातीय जनगणना?

मायावती ने आगे कहा कि इसके इलावा, केंद्र में बीजेपी की सत्ता आने से पहले कांग्रेस ने अपनी सरकार में राष्ट्रीय जातीय जनगणना क्यों नहीं कराई थी? जो अब इसकी बात कर रहे हैं, जवाब दें? जबकि बीएसपी इसके हमेशा ही पक्षधर रही है, क्योंकि इसका होना कमजोर वर्गों के हित में बहुत जरूरी है।

क्या यही है दलित प्रेम?

इतना ही नहीं संविधान के तहत एससी/एसटी को मिले आरक्षण में अब वर्गीकरण व क्रीमीलेयर के जरिए इसे निष्प्रभावी बनाने व खत्म करने की चल रही साजिश के विरोध में कांग्रेस, सपा व बीजेपी आदि का भी चुप्पी साधे रखना क्या यही इनका दलित प्रेम है? इन सब चीजों से देश की जनता सचेत रहें।

क्या उचित रहेगा गठबंधन करना?

मायावती ने एक्स पर खुद से सवाल किया कि सपा व कांग्रेस जैसी इन आरक्षण विरोधी पार्टियों के साथ अब किसी भी चुनाव में इनसे कोई गठबंधन करना क्या SC, ST व OBC वर्गों के हित में उचित होगा। यह कतई नहीं होगा। ऐसे में अब इनको खुद अपने दम पर खड़े होना है, यही सलाह है।