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Hindi News उत्तर प्रदेश 52 साल पुरानी एंबेसडर से महाकुंभ पहुंचे बाबा, कार को दिया मां का दर्जा; पढ़ें इनकी अनोखी कहानी

52 साल पुरानी एंबेसडर से महाकुंभ पहुंचे बाबा, कार को दिया मां का दर्जा; पढ़ें इनकी अनोखी कहानी

एंबेसडर बाबा जिस कार से संगम की धरती पर आए हैं, वह करीब 52 साल पुरानी एंबेसडर कार है। यह उन्हें 40 साल पहले दान में मिली थी। ऐसे में बाबा ने इसे ही अपना घर बना लिया है।

ambassador baba- India TV Hindi Image Source : ANI एंबेसडर बाबा

प्रयागराज में 13 जनवरी से लगने वाले महाकुंभ में देश-विदेश से बाबाओं के आने का सिलसिला लगातार जारी है। इसी क्रम में एमपी के रहने वाले एंबेसडर बाबा भी पहुंचे हैं जो अपनी अनोखे कार को लेकर आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। यह बाबा 52 साल पुरानी एंबेसडर कार से ट्रैवल करते है इसलिए उन्होंने अपना नाम एंबेसडर बाबा रख लिया है।

कौन हैं एंबेसडर बाबा?

महाकुंभ नगरी में पहुंचे एंबेसडर बाबा महंत राजगिरी हैं। वह इंदौर शहर से यहां पहुंचे हैं और अक्सर कुंभ जैसे बड़े आयोजनों में अपनी मौजूदगी दर्ज कराते हैं। महंत राजगिरी ने यूं तो अपने परिवार व सुख सुविधाओं से संन्यास ले रखा है। हालांकि, उनके पास एक एंबेसडर कार ही है। एंबेसडर बाबा जिस कार से संगम की धरती पर आए हैं, वह करीब 52 साल पुरानी एंबेसडर कार है और बाबा इसी कार में रहते हैं। यह उन्हें 30-35 साल पहले दान में मिली थी। ऐसे में बाबा ने इसे ही अपना घर बना लिया है। यह हर समय बाबा के साथ रहती है। इस वजह से लोग भी उन्हें अब एंबेसडर बाबा के नाम से जानते हैं।

Image Source : social mediaएंबेसडर बाबा

1972 मॉडल की है कार

इस एंबेसडर कार को बाबा ने सैफरन कलर में पेंट करा रखा है। एंबेसडर की यह कार 1972 मॉडल की है। एंबेसडर बाबा की उम्र 50 साल से अधिक है। उन्होंने बताया कि वे इसी कार से पिछले चार साल से कुंभ आ रहा है। वे इसी कार में सोते और खाते हैं। उन्होंने अपने इस कार को अपनी जिंदगी बताया है।  

चलता-फिरता आश्रम

बाबा ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि वह मध्य प्रदेश के इंदौर के रहने वाले हैं और लोग उन्हें टॉर्जन बाबा के नाम से भी बुलाते हैं। एंबेसडर बाबा इन दिनों बाबा महाकुंभ में संगम किनारे कुटिया बनाकर रह रहे हैं। उनकी अनोखी कार भी उनकी कुटीया के सामने खड़ी हुई है। बाबा का कहना हैं कि उन्होंने अपनी कार को मां का दर्जा दिया है। उन्हें इस कार में आध्यात्मिक शांति और संतुष्टि मिलती है। (ANI इनपुट्स के साथ)

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