प्रयागराज: माफिया अतीक अहमद की हत्या से जुड़े गहरे राज जल्द ही खुल सकते हैं। अतीक अहमद के बेटे असद का मोबाइल एसआईटी के हाथ लगा है जो कई बड़े राज खोल रहा है। मोबाइल से पता चला है कि अतीक के बेटे असद ने "शेरे अतीक" के नाम से व्हाट्सएप ग्रुप बनाया था। इस ग्रुप में प्रयागराज, कौशांबी और फतेहपुर के करीब 200 युवक मेंबर थे। अब शेरे अतीक के 200 मेंबर एसआईटी की रडार पर हैं और पुलिस उनका पता ठिकाना ढूंढ रही है।
उमेश पाल की हत्या से पहले डिलीट किया गया ग्रुप
अतीक के बेटे का बनाया गया वॉट्सएप ग्रुप तब तक एक्टिव था जब उमेश पाल की हत्या हुई थी। उमेश पाल हत्याकांड से कुछ दिन पहले ही इस वॉट्सएप ग्रुप को डिलीट किया गया था। इस वॉट्सएप ग्रुप में कुल 200 सदस्य शामिल थे।
अब एसआईटी ये जानकारी जुटाने की कोशिश कर रही है कि उमेश पाल हत्याकांड से ठीक पहले क्यों बंद हुआ शेरे अतीक ग्रुप? इस मोबाइल के एक-एक नंबर के हर पहलू की जांच एसआईटी कर रही है। जल्द ही इस बारे में बड़ा खुलासा हो सकता है।
हत्यारा अरुण भी जुड़ा था शेरे अतीक ग्रुप से
माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या करने वाले कातिलों में शामिल अरुण मौर्य भी असद के वॉट्सएप ग्रुप शेर ए अतीक से जुड़ा था और बाद में ग्रुप से अलग हो गया था। पता चला है कि इस वॉट्सएप ग्रुप में प्रयागराज के अलावा कौशांबी, प्रतापगढ़, फतेहपुर, सुल्तानपुर, कानपुर सहित यूपी के 20 से ज्यादा जिलों के तमाम लोग जुड़े थे।
इस ग्रुप से अरुण मौर्य के जुड़ने का मतलब है कि अरुण और असद की जान-पहचान पहले से ही थी। अरुण काफी समय तक असद के बनाए ग्रुप से जुड़ा था और सक्रिय भागीदारी निभा रहा था। उसने ग्रुप क्यों छोड़ा इसकी पूछताछ उससे की जा रही है।
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